×

'भगोड़े' माल्या को कितना लोन दिया? वित्त मंत्रालय ने कहा- नहीं है जानकारी

aman
By aman
Published on: 7 Feb 2018 10:37 AM GMT
भगोड़े माल्या को कितना लोन दिया? वित्त मंत्रालय ने कहा- नहीं है जानकारी
X

नई दिल्ली: आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि देश के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को कितने लोन दिए गए इसकी जानकारी केंद्र सरकार को नहीं है। सूचना का अधिकार कानून यानि आरटीआई के तहत वित्त मंत्रालय से माल्या को दिए गए कर्ज के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। इस पर मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग यानि सीआईसी को बताया, कि उसके पास इस संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने सीआईसी को बताया कि इससे जुड़ी सूचनाएं संबंधित बैंकों या आरबीआई के पास हो सकती है। इसके बाद सीआईसी ने मंत्रालय के जवाब पर तीखी टिप्पणी की। सीआईसी ने उसे संदिग्ध बताया और कानून सम्मत नहीं माना। मुख्य सूचना आयुक्त ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को आरटीआई आवेदन से संबंधित सरकारी संस्थाओं या विभागों के पास भेजने का निर्देश दिया। राजीव कुमार खरे ने आरटीआई आवेदन के जरिए वित्त मंत्रालय से विजय माल्या को दिए गए कर्ज का ब्यौरा मांगा था।

सरकार कर्ज पर दे चुकी है जानकारी

अखबार की मानें, तो वित्त मंत्रालय के अधिकारी भले ही जो दावा करें कि उनके पास माल्या को विभिन्न बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज या कर्ज के बदले में माल्या द्वारा दी गई गारंटी के बारे में सूचना नहीं है। लेकिन वित्त मंत्रालय पूर्व में संसद में इससे जुड़े सवालों का जवाब दिया था। वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने 17 मार्च, 2017 को माल्या पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, कि 'जिस व्यक्ति के नाम का उल्लेख किया गया (उनका मतलब विजय माल्या से था) उसे 2004 में कर्ज दिया गया था और फरवरी 2008 में उसकी समीक्षा की गई थी। उन्होंने बताया था, 'वर्ष 2009 में 8,040 करोड़ रुपए के कर्ज को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित किया गया। साल 2010 में एनपीए को रिस्ट्रक्चर किया गया था।'

ये भी बताया था सरकार ने

इतना ही नहीं, गंगवार ने राज्यसभा में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बताया था, कि 'कर्ज अदा नहीं करने पर विजय माल्या की जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी की गई थी। इसके जरिए 155 करोड़ रुपए की रकम वसूली गई थी।'

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story