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अबतक 25 : बहुत बदले शहरों-जिले के नाम, अब बदलेगा इस राज्य का नाम

Rishi
Published on: 11 Nov 2018 4:45 PM IST
अबतक 25 : बहुत बदले शहरों-जिले के नाम, अब बदलेगा इस राज्य का नाम
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नई दिल्ली : केंद्र की बीजेपी सरकार ने पिछले एक वर्ष में करीब 25 शहरों और गांवों के नाम बदलने को हरी झंडी दिखाई है। वहीं अभी भी उसके पास नाम परिर्वितत करने के बहुतेरे प्रस्ताव लंबित हैं। इनमें सबसे खास है पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर ‘बांग्ला’ किया जाना।

हाल में ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद और फैजाबाद के नाम बदल कर प्रयागराज और अयोध्या किए हैं। प्रयागराज और अयोध्या का प्रस्ताव अभी यूपी सरकार ने केंद्र को नहीं भेजा है।

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आपको बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले एक वर्ष में देश भर में 25 शहरों और गांवो के नाम परिवर्तन प्रस्तावों को अपनी सहमति दी है।

आप भी जानिए अभी और कितने नाम बदले जा सकते हैं

पूर्वी गोदावरी जिले में राजामुंदरी का नाम राजा महेंद्रवर्मन

आउटर व्हीलर आईलैंड का नाम एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप

मालाप्पुरा जिले में अरिक्कोड को अरीकोड

हरियाणा में जींद जिले के पिंडारी को पांडु पिंडारा

नगालैंड के खिफिरे जिले में सनफुर का नाम सामफुरे

महाराष्ट्र में सांगली जिले में लंगडेवाडी का नाम नरसिंहगांव

हरियाणा में रोहतक जिले में सांपला का नाम चौधरी सर छोटूराम नगर

क्या है नाम बदलने की प्रक्रिया

जब भी किसी शहर या गांव का नाम बदला जाता है तब इसका प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाता है इसके बाद संबंधित एजेंसियों के परामर्श से मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रस्तावों को स्वीकार किया जाता है। प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद गृह मंत्रालय रेल, डाक विभाग और भारत सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति मिलेने के बाद नाम बदलने की सहमति देता है।

राज्य के नाम को कैसे बदला जा सकता है

राज्य के नामकरण के लिए संसद में बहुमत के साथ संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार के सुझाव के तहत पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला करने का प्रस्ताव जब गृह मंत्रालय को मिला तो उसने इसे विदेश मंत्रालय को भेजा और जानना चाह कि उसकी क्या राय है।

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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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