×

नागरिक अधिकारों के लिए खड़े होना न्यायपालिका का दायित्व : सीजेआई

देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने न्यायिक सक्रियता की धारणा को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा 'न्यायपालिका का पावन कर्तव्य' है और अगर सरकारी संस्थाएं नागरिक अधिकारों का अतिक्रमण करती हैं तो यह न्यायपालिका का नैतिक दायित्व है कि वह उनके साथ (नागरिकों के साथ) खड़ा हो।

tiwarishalini
Published on: 25 Nov 2017 7:04 PM IST
नागरिक अधिकारों के लिए खड़े होना न्यायपालिका का दायित्व : सीजेआई
X

नई दिल्ली : देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने न्यायिक सक्रियता की धारणा को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा 'न्यायपालिका का पावन कर्तव्य' है और अगर सरकारी संस्थाएं नागरिक अधिकारों का अतिक्रमण करती हैं तो यह न्यायपालिका का नैतिक दायित्व है कि वह उनके साथ (नागरिकों के साथ) खड़ा हो।

राष्ट्रीय कानून दिवस पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं और सरकारी संस्थाओं से उम्मीद की जाती है कि वे इनका अतिक्रमण न करें। लेकिन जब वे इनका अतिक्रमण करते हैं, या उनके द्वारा अतिक्रमण करने की आशंका होती है, तो न्यायपालिका का नैतिक दायित्व हो जाता है कि वह नागरिकों के साथ खड़े हो।"

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ऐसी धारणा है कि इन दिनों न्यायिक सक्रियता (जुडिशियल एक्टिविज्म) है। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा न्यायपालिका का पावन कर्तव्य है, जिसे संविधान ने प्रदान किया है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने यह भी कहा कि न्यायपालिका नीति बनाने की इच्छुक नहीं है।

यह भी पढ़ें ... ये हैं CJI दीपक मिश्रा के वो ऐतिहासिक फैसले, जिनसे मिली उन्हें प्रसिद्धि

केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी द्वारा बढ़ती न्यायायिक सक्रियता पर चिंता जताने पर उन्होंने कहा, "नीति निर्माण की प्रक्रिया में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है। हम नीति नहीं बनाते, लेकिन हम नीतियों की व्याख्या करते हैं और यही हमारा काम है।" मिश्रा ने कहा कि राज्य की तीन शाखाओं का मुख्य कर्तव्य संविधान के मूल्यों, नैतिकता और दर्शन की रक्षा करना है।

यह भी पढ़ें ... न्यायपालिका को संवेदनशील होना चाहिए : जस्टिस सीकरी

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक अधिकारों के बीच सीधा संबंध है, और इसके साथ ही उन्होंने गुणवत्तापरक प्रशासन का आह्वान किया और कहा, "संविधान की रक्षा करने के लिए सहकारी संविधानवाद राज्य के तीनों अंगों की जिम्मेदारी है।"

कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कार्यस्थल पर विशाखा दिशानिर्देशों को अमल में लाने और उद्योगों में बच्चों के काम करने से बचाने जैसे मसले पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "आप आज जो भी देख रहे हैं, वह कल प्रासंगिक हो सकता है।"

क्या कहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऊंची अदालतों में महिलाओं, अन्य पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अस्वीकार्य रूप से कम प्रतिनिधित्व को लेकर शनिवार को चिंता जाहिर की और इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए आवश्यक कदम उठाने का उन्होंने आह्वान किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "पारंपरिक रूप से कमजोर वर्गो जैसे अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व अस्वीकार्य रूप से कम है, विशेषकर ऊंची अदालतों में।"

उन्होंने यह भी कहा कि प्रति चार न्यायाधीशों में एक न्यायाधीश महिला है। न्यायपालिका को अन्य सार्वजनिक संस्थाओं के साथ कदम मिलाते हुए वास्तव में समाज की विविधता का प्रतिनिधित्व करने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "अन्य सार्वजनिक संस्थानों की तरह हमारी न्यायपालिका को भी हमारे देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करने के प्रति और हमारे समाज की गहराई व व्यापकता के प्रति न्यायसंगत होना चाहिए।"

यह भी पढ़ें ... गवर्नर ने कहा-न्यायपालिका पर है जनता का सबसे ज्यादा भरोसा, जल्द मिले न्याय

उन्होंने कहा कि हमारी निचली अदालतों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में 17,000 न्यायाधीशों में से लगभग 4,700 महिला न्यायाधीश हैं, यानी चार में से एक न्यायाधीश महिला है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऊंची अदालतों द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालयों के न्यायाधीशों को कुशल को बनाना पावन कर्तव्य है, ताकि ज्यादा से ज्यादा न्यायाधीश पदोन्नत होकर उच्च न्यायालय पहुंच सकें।

राष्ट्रीय कानून दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी संबोधित किया।

--आईएएनएस

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story