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हिमाचल में नहीं हो सका CM के नाम पर फैसला, पर्यवेक्षक बैरंग दिल्ली लौटे
शिमला: केंद्र से गए पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर भी हिमाचल प्रदेश के सीएम का नाम तय नहीं कर सके और विधायकों, सांसदों के साथ बातचीत कर उन्हें बैरंग दिल्ली लौट जाना पड़ा। लेकिन इतना तय है कि बीजेपी सीएम की कुर्सी पर किसी चुने विधायक को ही बिठायेगी। लिहाजा, सीएम के नाम पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।
जयराम ठाकुर का नाम सामने आने पर शुक्रवार (22 दिसंबर) को पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर के सामने धूमल समर्थकों ने हंगामा किया। दोनों विधायकों से सीएम के नाम पर चर्चा के बाद दिल्ली रवाना हो गए हैं। इस बीच हिमाचल बीजेपी प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा, कि केंद्र ही सीएम का नाम तय करेगा।
जयराम के नाम पर धूमल गुट सहमत नहीं
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, जयराम ठाकुर के नाम पर धूमल गुट सहमत नहीं है। वहीं, बीजेपी धूमल को मनाने में जुटी है। पार्टी धूमल को राज्यसभा भेजने या राज्यपाल बनाने का भरोसा दे सकती है। इस बीच जयराम ठाकुर ने धूमल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद मांगा। पर्यवेक्षक दो दिन हिमाचल प्रदेश में रहे और विधायकों, नेताओं से राय ली। दोनों गुरुवार को शिमला पहुंचे थे। शुक्रवार को भी दोनों कोर कमेटी की मीटिंग के लिए पहुंचे, लेकिन यहां धूमल समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
धूमल पर सब सहमत नहीं
बीजेपी के सीएम कैंडिडेट रहे प्रेम कुमार धूमल के लिए तीन विधायकों ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। गौरतलब है, कि धूमल चुनाव हार चुके हैं। कई सीनियर लीडर्स और कांगड़ा के सांसद ने धूमल को सीएम बनाए जाने का विरोध किया है। इन लोगों का कहना है कि पार्टी ने बहुमत हासिल किया है। राज्य में कई ऐसे नेता हैं जो सीएम बनने के काबिल हैं। ऐसे में किसी हारे हुए नेता को सीएम बनाने से लोगों में गलत संदेश जाएगा।
सुजानपुर सीट हार गए थे धूमल
उल्लेखनीय है, कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीएम के तौर पर प्रेम कुमार धूमल का नाम सामने किया था। पार्टी ने तो शानदार जीत दर्ज की लेकिन धूमल सुजानपुर सीट हार गए। जयराम 5वीं बार मंडी जिले के सिराज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। ठाकुर 1998 में पहली बार विधायक बने थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था।