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सोज के बाद अब गुलाम नबी आजाद ने डाला कांग्रेस को मुसीबत में
नई दिल्ली: कांग्रेस अपने दो नेताओं के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान पर फंसती हुई नज़र आ रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पहले सैफुद्दीन सोज के आजाद कश्मीर के बयान पर मचा हंगामा अभी कम भी नहीं हुआ था कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुजाम नबी आजाद के उस बयान पर भी हंगामा मच गया जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी में चल रहे सेना के ऑपरेशन में आतंकी कम नागरिक ज्यादा मारे जा रहे हैं।
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गुलाम नबी आजाद के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने समर्थन किया और एक प्रेस रिलीज जारी कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सेना के द्वारा नागरिकों को तड़पाया जा रहा है। गुलाम नबी आजाद ने जो बात कही है वह बिल्कुल सही है। भारत की ओर से एक बार फिर पूर्व में जम्मू-कश्मीर के गवर्नर जगमोहन के समय को लागू किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा: गुलाम नबी आजाद
एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीति का सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है। हाल के आंकड़ों पर गौर करें तो सेना की कार्रवाई नागरिकों के खिलाफ ज्यादा और आंतकियों के खिलाफ कम हुई है।
घाटी में हालात बिगड़ने का मुख्य कारण यह है कि मोदी सरकार बातचीत करने की अपेक्षा कार्रवाई करने में ज्यादा यकीन रखती है। ऐसा लगता है कि वे हमेशा हथियार इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने कहा कि कार्रवाई को ऑपरेशन ऑल आउट कहना, यह स्पष्ट बताता है कि वे बड़े जनसंहार की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार ये नहीं कहती कि मसले को बातचीत के जरिए हल किया जाएगा जबकि पूरी दुनिया ने देखा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया ने अपने मसले बातचीत से हल किए।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी लश्कर द्वारा गुलाम नबी आजाद के बयान का समर्थन किए जाने पर हमला बोला और कहा कि आतंकी संगठन का कांग्रेस नेता के बयान का समर्थन करना काफी शर्मनाक है।