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गुजरात के कांग्रेस विधायकों की बेवफाई ने राज्यसभा को 2 बार कराया स्थगित
नई दिल्ली : संसद के उच्च सदन राज्यसभा में शुक्रवार को गुजरात कांग्रेस के पांच विधायकों के इस्तीफे पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस के ये विधायक पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस ने कांग्रेस विधायकों को अगवा कर उन पर दबाव बनाया कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो जाएं।
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इसके बाद विपक्षी सांसद सदन के बीचों बीच आ गए। उन्होंने नारेबाजी की कि 'संविधान की हत्या करना बंद करो'।
उपसभापति पी.जे.कुरियन ने कहा, "मैं इसमें क्या कर सकता हूं?" इसके जवाब में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "आप निर्वाचन आयोग को राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने के निर्देश दे सकते हैं।"
कुरियन ने इसके जवाब में कहा, "निर्वाचन आयोग को पीठ से दिशानिर्देशों की जरूरत नहीं है। वह संवैधानिक रूप से निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।"
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भाजपा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने आजाद की मांग का विरोध करते हुए कहा, "आप सर्वोच्च न्यायालय से भी इस तरह के दिशानिर्देश के लिए आग्रह कर सकते हैं।"
सदन में विरोध के मद्देनजर पहले सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
जनजातीय वंसदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चन्नाभाई चौधरी और बालासिनोर से मानसिंह चौहान ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रामलाल वोरा को इस्तीफा सौंप दिया।
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चौधरी और चौहान को कांग्रेस के बागी नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला का करीबी माना जाता है। वाघेला ने 21 जुलाई को आरोप लगाया था कि उन्हें पार्टी से निकालने के लिए अंदरखाने षडयंत्र रचा जा रहा है।
सिद्धपुर से कांग्रेस के विधायक बलवंतसिंह राजपूत, वीरमगाम से विधायक तेजश्री पटेल और वीजापुर से विधायक पी.आई.पटेल ने भी गुरुवार दोपहर अपने इस्तीफे सौंप दिए थे और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।