आतंकवाद का समर्थन करने वाले राष्ट्र से सबसे पहले निपटने की जरूरत

Rishi
Published on: 17 Jan 2018 10:47 AM GMT
आतंकवाद का समर्थन करने वाले राष्ट्र से सबसे पहले निपटने की जरूरत
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नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों से 'निपटने' की जरूरत है और यदि दुनिया आतंकवाद को खत्म करने के लिए हाथ नहीं मिलाती तो यह समस्या बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो देश आतंकवाद से पीड़ित हैं, उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी है।

रायसिना वार्ता में जनरल रावत ने आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने पर जोर दिया और आतंकवादियों के हाथों में पड़ने वाले परमाणु, जैविक व रासायनिक हथियारों को लेकर चिंता जताई।

उन्होंने आतंकवाद के प्रचार को रोकने के लिए इंटरनेट को नियंत्रित करने का समर्थन किया।

सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद को नए युद्ध के तरीके के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता और उन्होंने वैश्विक समुदाय से इसका सामना करने का आग्रह किया।

पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, "अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आतंकवाद का समर्थन करने वाले राष्ट्र से सबसे पहले निपटने की जरूरत है।"

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भारत पाकिस्तान पर जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है।

उन्होंने कहा, "यदि पूरा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक साथ मिलकर आतंकवाद के खतरे से नहीं लड़ता तो आतंकवाद यहां बना रहेगा। साथ मिलकर लड़ाई से ही हम शांति पा सकते हैं..आतंकवाद को युद्ध के नए रूप में नहीं स्वीकार सकते।"

उन्होंने कहा, "यह युद्ध का एक नया तरीका बनने जा रहा है। यह देखा गया है कि जो राष्ट्र आतंकवाद फैलाते हैं, वे आतंकवादी गतिविधियों के पीड़ित बने हैं। यदि वे सुरक्षित रहना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि इसे रोकें और वैश्विक समुदाय को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।"

हालांकि, उन्होंने कहा कि कोई दूसरा देश किसी के लिए युद्ध नहीं लड़ेगा।

उन्होंने कहा, "आपको अपना कार्य खुद करना है, कोई देश आपकी मदद को नहीं आएगा। आपकी कार्रवाई के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सहयोग की जरूरत होगी।"

उन्होंने कहा, "आतंकवादी गतिविधि से पीड़ित एक राष्ट्र को खुद अपना कार्य करना होगा, अपनी कार्रवाई खुद करनी होगी और आतंकवादियों से खुद निपटना होगा।"

जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों की पहचान करने के बाद अगला कदम उनके वित्त पोषण के स्रोतों पर ध्यान देने का होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "धन कहां से आता है। सभी आतंकवादी संगठनों के पास बहुत पैसा है।"

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जनरल रावत ने कहा कि मादक पदार्थो का व्यापार इस तरह के धन का प्रमुख स्रोत है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी हथियार निर्माताओं को अपने सभी हथियारों पर चिन्ह रखने चाहिए।

जनरल रावत के अनुसार, सबसे बड़ा खतरा आतंकवादियों के हाथ रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों के हाथ लगने का है।

उन्होंने कहा, "हथियार सिर्फ एक मुद्दा है। सबसे बड़ा मुद्दा जैविक व रासायनिक हथियारों पर नियंत्रण रखने का है। हम कैसे इन पर नियंत्रण रखेंगे? यह तभी हो सकता है, जब देश एकजुट होंगे।"

उन्होंने जनसंख्या, इंटरनेट व सोशल मीडिया व सामाजिक संचार पर भी कुछ नियंत्रण व प्रतिबंध रखने की बात कही, जिसका आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने कहा, "मैं इस बात की सराहना करता हूं कि एक लोकतांत्रिक देश में लोग इस तरह के प्रतिबंधों को नहीं चाहते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि यदि हम एक सुरक्षित वातावरण चाहते हैं तो हमें कुछ तरह के नियंत्रण स्थायी तौर पर स्वीकार करने होंगे, जिससे आतंकवाद के खतरे से समग्र तरीके से निपटा जा सके।"

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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