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अनीता के सुसाइड के बाद नीट को लेकर प्रदर्शन, भूख हड़ताल पर छात्र
होनहार दलित छात्रा अनीता अरियालुर की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आग एक बार फिर लग चुकी है। नीट को हटाने की मांग को लेकर त्रिची को 14 छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की है।
चेन्नै : होनहार दलित छात्रा अनीता अरियालुर की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आग एक बार फिर लग चुकी है। नीट को हटाने की मांग को लेकर शनिवार (2 सितंबर) को त्रिची के 14 छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की है।
भारी संख्या में छात्रों की भीड़ नीट को वापस लिए जाने की मांग कर रही है। मौत के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्यों ने चेन्नै की सड़कों पर हंगामा किया। छात्र सड़कों पर लेटकर प्रदर्शन करते दिखे। अनीता ने कथित तौर पर नीट के कारण मेडिकल कॉलेज में दाखिला न मिल पाने की वजह से शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
केवल नीट का पैमाना गलत
चेन्नई के माउंट रोड पर एसएफआई के प्रदर्शनकारियों ने रोड जाम कर दिया है। साथ ही अन्नासलाई को जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुतले जलाए हैं और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन कर रहे तमिल संगठन नाम तामीलार काटची ने कहा, मेडिकल एडमिशन के लिए नीट को ही एकमात्र पैमाना बना देना गलत है। छात्रों को छूट मिलनी चाहिए जिससे स्टेट बोर्ड के छात्रों को भी बेहतर अवसर मिल सके।
अनीता को अर्पित की श्रद्धांजलि
शनिवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अनीता के घर पहुंचे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सेन्थुराई के पास कुझुमूर में अनीता का पार्थिव शरीर आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है। अनीता के रिश्तेदार और दोस्तों के साथ कई राजनेता भी 17 साल की होनहार छात्रा को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे।
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अरियालुर जिले में कई राजनीतिक पार्टियों की तरफ से बंद का आह्वान किया गया। हड़ताल के समर्थन में दुकानें और सरकारी प्रतिष्ठान बंद हैं। दूसरी तरफ नाम तमिलर कात्ची के सदस्यों ने अनीता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नीट खत्म करने की मांग की।
क्या कहा अनीता के पिता ने?
अनीता के पिता का कहना है, 'उसने बेहद मुश्किल परिस्थितियों में पढ़ाई की थी। वह नीट को लेकर काफी परेशान थी। उसने क्या गलत किया था? इसकी जवाबदेही किसकी है?'
बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
डीएमके नेता सर्वानन ने एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में इस पूरे मामले के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। सर्वानन का कहना है कि नीट को बीजेपी ने लागू करवाया है। इसके लिए बीजेपी ही जिम्मेदार है। डीएमके नेता का कहना है कि बीजेपी ने हमारा गला काटा और राज्य सरकार भी इस हमले से किसी को बचा पाने में सफल नहीं रही।
12वी ं में मिले थे 98% अंक
अनीता अरियालुर ने तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से 12वीं की पढ़ाई की थी और उसे परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक मिले थे।
अनीता 17 साल की थी और वह जिले के कुझुमुर गांव की रहने वाली थी। उसने अपने घर में फांसी लगा ली। इसके पिता दिहाड़ी मजदूर है। अनीता को मेडिकल कोर्स में दाखिला आसानी से मिल जाता लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को नीट के तहत परीक्षा और काउंसिलिंग करने का आदेश दिया। केंद्र सरकार भी यही चाहती थी।
बता दें, ऐसा माना जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में नीट क कारण दाखिला न मिलने वजह से अनीता डिप्रेशन में थी। इसकी मुख्य वजह एमबीबीएस कोर्स में दाखिला न मिलना था।