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राफेल विवाद: दसॉल्ट कंपनी का दावा सौदा 9 फीसदी सस्ता और करार बिल्कुल साफ सुथरा

Shivakant Shukla
Published on: 14 Nov 2018 3:20 AM GMT
राफेल विवाद: दसॉल्ट कंपनी का दावा सौदा 9 फीसदी सस्ता और करार बिल्कुल साफ सुथरा
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नई दिल्ली: राफेल विमान सौदे पर मचे घमासान के बीच विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैपियर ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह सौदा साफ-सुथरा और नौ फीसदी सस्ता है। वहीं कांग्रेस ने इस दावे को झूठा करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।

18 तैयार विमानों की जितनी कीमत है उसी दाम में 36 विमानों का सौदा किया: दसॉल्ट के सीईओ

दसॉल्ट के सीईओ ने कहा कि 18 तैयार विमानों की जितनी कीमत है, उसी दाम में 36 विमानों का सौदा किया गया। दाम दोगुने होने चाहिए थे, पर चूंकि यह दो सरकारों के बीच करार हुआ और कीमतें उन्होंने तय कीं। इसलिए हमें भी 9% कम दाम पर सौदा करना पड़ा।

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रिलायंस को हमारी कंपनी ने खुद चुना : सीईओ

सीईओ ने कहा कि रिलायंस को इस सौदे के लिए ऑफसेट पार्टनर चुनने का फैसला उनकी कंपनी का था। रिलायंस के अलावा भी 30 कंपनियां उनके साथ जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस के आरोपों पर ट्रैपियर ने कहा, मैं झूठ नहीं बोलता। जो सच मैंने पहले कहा था, वही आज भी कह रहा हूं। मेरी छवि झूठ बोलने वाले की नहीं है। भारतीय वायुसेना इस सौदे से खुश है।

भाजपा-कांग्रेस में ठनी जुबानी जंग:

कांग्रेस ने दसॉल्ट सीईओ के दावे को मनगढ़ंत झूठ करार दिया है। पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश सौदे में मनगढ़ंत नहीं, बल्कि निष्पक्ष जांच चाहता है। सरकार घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।

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पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दसॉल्ट के सीईओ ने साफ कर दिया है कि रिलायंस और 30 अन्य कंपनियों के साथ करार में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इससे कांग्रेस की ओर से फैलाया जा रहा झूठ एक बार फिर उजागर हो गया है।

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