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दिल्ली : प्रदूषण का खतरा बढ़ा, कोयले और बॉयोमॉस से चलने वाली फैक्ट्रियों दस नवंबर तक बंद
नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गुरुग्राम को छोड़कर एनसीआर के बाकी शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक(एयर क्लालिटी इंडेक्स नम्बर) बुधवार को बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों में दिल्ली का सूचकांक 358 दर्ज किया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार बुधवार सुबह सतह की हवा में थोड़ी तेजी आई। इससे मंगलवार की तुलना में दिल्ली सहित एनसीआर में हवा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार दर्ज किया गया। हालांकि गुरुग्राम में कोई गिरावट दर्ज नही देखी गई है। मंगलवार को दिल्ली का सूचकांक 401 पर था, लेकिन बुधवार को इसमें 43 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी ओर गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद का सूचकांक 362, 347, 383 व 388 रहा। जबकि गुरुग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 रिकार्ड किया गया। इसमें पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा सबसे ज्यादा रही।
सफर की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में औसतन पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा 370 व 215 दर्ज की गई। सभी एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पीएम का स्तर बेहद खराब रिकार्ड किया गया। आने वालों दिनों में भी पीएम की मात्रा पीएम10 व पीएम 2.5 357, 400 और 197 व 242 के बीच रहने की संभावना है।
दिल्ली में आज से लागू होगा ग्रैप
दिल्ली में बृहस्पतिवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो जाएगा। एक से दस नवंबर के बीच दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों में निर्माण कार्य बंद रहेंगे। स्टोन क्रेसर व हॉट मिक्स प्लॉट भी नहीं चलेंगे। कोयले और बॉयोमॉस से चलने वाली फैक्ट्रियों को चार से दस नवंबर के बीच बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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