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दिल्ली पुलिस ने कहा- हमने राहुल गांधी को अरेस्ट नहीं किया, खुद ही जिप्सी में बैठ गए
नई दिल्ली: पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या पर सियासती लगातार जारी है। दिल्ली पुलिस के लिए बीते तीन दिन काफी मशक्कत भरा रहा है। राहुल गांधी गुरुवार शाम 6 से 7 बजे के बीचे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहां पहुंचने के कुछ समय बाद ही राहुल गांधी ने पुलिस को सूचना दी, कि वे इंडिया गेट तक कैंडल लाइट मार्च निकालेंगे।
पुलिस ने किया था गिरफ्तारी से मना
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक पुलिस ने इस पर ऐतराज जताया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति केवल जंतर-मंतर पर ही है। इसके बाद राहुल ने सरेंडर करने की बात कही। राहुल ने पुलिस से कहा, 'मुझे अरेस्ट कर लो।' पुलिस ने बताया कि जब पुलिस ने गिरफ्तार करने से मना कर दिया तो राहुल खुद पुलिस जिप्सी में बैठ गए।
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कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध
इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस की जिप्सी को घेर लिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ पत्रकारों ने राहुल गांधी तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन एसपीजी ने उन्हें वहां से हटा दिया। अंततः पुलिस ने इसमें दखल दी और हालात को काबू में किया। हालांकि, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी जैसे ही जंतर-मंतर पर पहुंचे, उन्हें जबरन पुलिस जिप्सी में बैठा लिया गया।
पुलिस ने राहुल को घर छोड़ा, लेकिन वो नहीं उतरे
पुलिस ने ये भी कहा, कि उन्होंने राहुल गांधी को घर पर छोड़ने का फैसला किया था। वे उन्हें लेकर फिरोजशाह रोड़ भी गए। वहां पर उतर जाने के लिए कहा। लेकिन राहुल गांधी ने उतरने के लिए मना कर दिया। तभी उन्होंने कुछ कॉल किए और उसके बाद दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस जिप्सी को घेर लिया और टायरों की हवा निकाल दी।
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रात 9 बजे पुलिस ने राहुल को छोड़ा
इस दौरान एक बार फिर एसपीजी ने दखल दी और राहुल को दूर ले जाने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी को पहले पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ले जाया गया। उसके बाद फिरोजशाह रोड़ और आखिर में तुगलक रोड़ पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां पर उन्हें 9 बजे छोड़ दिया गया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने पुलिस की जिप्सी का जनपथ मेट्रो स्टेशन तक पीछा किया, लेकिन उन्होंने स्पीड बढ़ा दी थी।
कहानी में आया रोचक मोड़
लेकिन इस कहानी में रोचक मोड़ तब आया, जब राहुल गांधी के साथी कनिष्क सिंह ने पीसीआर को कॉल की और कहा कि कुछ पुलिसवालों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अपहरण कर लिया। इस कॉल के बाद पुलिस में खलबली मच गई और कुछ पीसीआर वैन उन्हें देखने के लिए निकल गई। सिंह ने इस बारे में एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत भी की। बाद में सीनियर अधिकारियों ने पाया कि राहुल गांधी सुरक्षित हैं।