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दिल्ली सीरियल ब्लास्ट में 11 साल बाद आया फैसला, 1 आरोपी को सजा, 2 बरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के एक मामले में अदालत ने गुरुवार (16 फरवरी) को अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने तीन में से दो आरोपियों को बरी करते हुए तारिक अहमद डार को दोषी करार दिया। तारिक अहमद को 10 साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि तारिक पहले ही 13 साल की सजा काट चुका है।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के एक मामले में अदालत ने गुरुवार (16 फरवरी) को अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने तीन में से दो आरोपियों को बरी करते हुए तारिक अहमद डार को दोषी करार दिया। तारिक अहमद को 10 साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि तारिक पहले ही 13 साल की सजा काट चुका है।
बता दें कि ये बम ब्लास्ट साल 2005 में दिवाली से ठीक एक दिन पहले हुआ था। इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।
क्या है मामला?
-29 अक्टूबर 2005 को देश की राजधानी दिल्ली में एक के बाद एक कई धमाके हुए थे।
-इन धमाकों से पूरी दिल्ली दहल गई थी।
-इन धमाकों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। -तारिक को ही इस धमाके का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है।
-कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे।
कितने हुए थे हताहत?
-इस सीरियल ब्लास्ट में पहाड़गंज में 9 लोगों की मौत हुई थी जबकि 60 लोग घायल हुए थे।
-जबकि गोविंदपुरी में 4 लोग घायल हुए थे।
-सबसे ज्यादा क्षति भीड़भाड़ वाले सरोजनी नगर बाजार में हुई थी।
-सरोजनी नगर में धमाके की वजह से 50 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 130 लोग घायल हुए थे।