×

क्या आपको पता हैं नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के बारे में ये 6 फैक्ट्स?

Manali Rastogi
Published on: 31 July 2018 4:48 AM GMT
क्या आपको पता हैं नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के बारे में ये 6 फैक्ट्स?
X

गुवाहाटी: असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी कर दिया गया है। मसौदा तैयार होते ही 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया है। वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और स्थानीय और आदिवासी संगठनों ने इस ड्राफ्ट का स्वागत किया है जबकि राज्यसभा में इस मामले पर बहस होने की वजह से कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।

क्या है नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस?

भारत के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस में उन भारतीय नागरिकों के नाम हैं जो असम में रहते हैं। इस रजिस्टर को साल 1951 की जनगणना के बाद 1951 में तैयार किया गया था। इसे जनगणना के दौरान वर्णित सभी व्यक्तियों के विवरणों के आधार पर तैयार किया गया था। जो लोग असम में बांग्लादेश बनने के पहले (25 मार्च 1971 के पहले) आए है, केवल उन्हें ही भारत का नागरिक माना जाएगा।

यह भी पढ़ें: NRC पर रार : कांग्रेस की NRC पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

असम भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसके पास नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस है। नागरिकता के लिए प्रस्तुत लगभग दो करोड़ से अधिक दावों (इनमें लगभग 38 लाख लोग ऐसे भी थे जिनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावजों पर संदेह था) की जांच पूरी होने के बाद कोर्ट द्वारा एनआरसी के पहले मसौदे को 31 दिसंबर 2017 तक प्रकाशित करने का आदेश दिया गया था।

यह भी पढ़ें: असम में NRC का फाइनल ड्राफ्ट जारी, 40 लाख लोगों की नागरिकता अवैध घोषित

31 दिसंबर 2017 को बहु-प्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का पहला ड्राफ्ट प्रकाशित किया गया। कानूनी तौर पर भारत के नागरिक के रूप में पहचान प्राप्त करने के लिए असम में लगभग 3.29 करोड आवेदन प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से कुल 1.9 करोड़ लोगों के नाम को ही इसमें शामिल किया गया है।

यह भी पढ़ें: NRC पर ममता बोलीं- बंगाली लोगों को असम से भगा रही BJP, हम देंगे शरण

असम में नागरिक पंजी को आखिरी बार 1951 में अपडेट किया गया था। उस समय असम में कुल 80 लाख नागरिकों के नाम प्ंजीकृत किए गये थे। साल 1979 में अखिल आसाम छात्र संघ (AASU) द्वारा अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग करते हुए एक 6 वर्षीय आंदोलन चलाया गया था। यह आंदोलन 15 अगस्त, 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद शांत हुआ था।

ये है नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस का कालक्रम

  • सबसे पहले साल 1951 में तैयार किया गया था नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस।
  • अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग करते हुए एक 6 साल का आंदोलन साल 1979 में अखिल आसाम छात्र संघ (AASU) द्वारा चलाया गया।
  • असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 15 अगस्त, 1985 को अखिल असम छात्रसंघ का आंदोलन शांत हुआ।
  • दिसंबर, 2013 में शुरू हुई थी असम में बांग्लादेशियों की बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर नागरिक सत्यापन की प्रक्रिया। असम राज्य के लिए आवेदन मई, 2015 में आमंत्रित किए गए थे।
  • असम सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (NRC) मसौदे का पहला संस्करण 31 दिसंबर, 2017 को जारी किया गया था।
  • 3.29 करोड़ आवेदन भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता प्रदान किए जाने के लिए सरकार को मिले थे, जिसमें से 1.9 करोड़ लोगों को वैध भारतीय नागरिक माना गया जबकि बाकि बचे 1.39 करोड़ आवेदनों की अलग-अलग स्तरों पर जांच जारी थी।

Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story