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आप जानते हैं कौन हैं जस्टिस भंडारी? जिन्होंने ICJ में गाड़ा जीत का झंडा
लखनऊ: हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारतीय जज दलवीर भंडारी को दूसरी बार चुना गया है। जस्टिस दलवीर भंडारी का मुकाबला ब्रिटिश उम्मीदवार जस्टिस क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था। ग्रीनवुड की दावेदारी वापस लेते ही भंडारी फिर से चुन लिए गए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन है दलवीर भंडारी? हम बताते हैं उनसे जुड़ी अहम बातें।
रह चुके हैं SC के पूर्व न्यायधीश
जस्टिस दलवीर भंडारी भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश रह चुके हैं। भंडारी का जन्म 1 अक्टूबर 1947 को जोधपुर में हुआ था। इनके पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे। जस्टिस भंडारी ने लॉ की पढ़ाई जोधपुर विश्वविद्यालय से पूरी की। भारत में पढ़ाई करने के बाद जस्टिस भंडारी ने अमरीका के शिकागो स्थित नार्थ वेस्टर्न विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में भी वकालत की।
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2012 में पहली बार पहुंचे आईसीजे
दलवीर भंडारी साल 2005 में बम्बई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। भंडारी ने जून 2012 में पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के सदस्य के रूप में शपथ ली थी। आईसीजे से पहले भंडारी देश में न्यायपालिका के कई उच्च पदों पर काम कर चुके हैं।
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पद्मभूषण से हो चुके हैं सम्मानित
बता दें कि भंडारी को भारत सरकार पद्मभूषण से भी सम्मानित कर चुकी है। यह सम्मान उन्हें कई सालों तक भारतीय न्याय प्रणाली में उनके योगदान को लेकर दिया गया था।
..और जीत गए जस्टिस भंडारी
बता दें, कि आईसीजे में 15 जज चुने जाने थे। 15 में 14 जजों का चुनाव हो चुका था। 15वें जज के लिए ब्रिटेन की तरफ से ग्रीनवुड और भारत की ओर से जस्टिस भंडारी उम्मीदवार थे। उल्लेखनीय है कि भंडारी ने पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव मामले में अहम भूमिका निभाई थी। 11वें मुकाबले तक दलबीर भंडारी जनरल एसेंबली में आगे थे, मगर सिक्योरिटी काउंसिल में उनके पास मत कम थे। जबकि आईसीजे में जज बनने के लिए सिक्यूरिटी काउंसिल और जनरल एसेंबली दोनों में जीत दर्ज करना बेहद जरूरी था। इसके बाद ब्रिटिश उम्मीदवार ग्रीनवुड मैदान से हट गए और भंडारी की जीत पक्की हो गई।