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NMC Bill प्रवर समिति को भेजे जाने के बाद IMA की Strike समाप्त

Rishi
Published on: 2 Jan 2018 4:27 PM IST
NMC Bill प्रवर समिति को भेजे जाने के बाद IMA की Strike समाप्त
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नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मंगलवार को देश भर के निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं की 12 घंटे की हड़ताल खत्म कर दी है। आईएमए ने यह कदम उनकी मांग पर सरकार द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2017 को प्रवर समिति को भेजने पर सहमति जताने के बाद उठाया है। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष के.के.अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "अभी-अभी हमें सूचना मिली है कि सरकार ने हमारी मांगों से सहमति जताते हुए विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा है। इसके बाद हमने अपनी 12 घंटे की हड़ताल समाप्त कर दी है।"

आईएमए ने मंगलवार को 'जन विरोधी व मरीज विरोधी' राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2017 के विरोध में देश भर के निजी अस्पतालों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। एनएमसी विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह लेगा।

ये भी देखें : डॉक्टर-मरीजों का बिगड़ा अनुपात स्वास्थ्य सेवाओं में बाधक : आईएमए

आईएमए के 2.77 लाख सदस्य हैं, जिसमें देश भर के कॉरपोरेट अस्पताल, पॉली क्लिनिक, नर्सिग होम शामिल हैं।

आईएमए के ओपीडी के 12 घंटे के बंद के आह्वान का देश के तमाम राज्यों के निजी अस्पतालों में काफी असर दिखा लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखी गई।

अपोलो, बीएलके सुपर स्पेशियलिटी व सर गंगा राम व दर्जनों दूसरे अस्पतालों सहित कई बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों ने अपना कामकाज जारी रखा।

चिकित्सा आयोग विधेयक संसदीय समिति को भेजा गया

भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की स्थापना के लिए प्रस्तावित विधेयक को कई विपक्षी दलों के आग्रह के बाद मंगलवार को संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा में यह जानकारी दी।

उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह समिति को अपनी रिपोर्ट संसद के बजट सत्र से पहले देने का निर्देश दें।

मंत्री ने कहा, "सभी विपक्षी पार्टियों ने आग्रह किया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक को स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए। सरकार की तरफ से मैं कहता हूं कि हम इसे स्थायी समिति को भेजने के लिए तैयार हैं। लेकिन मेरा एक आग्रह है व सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है, साथ ही स्वास्थ्य की स्थायी समिति की सिफारिश भी है कि विधेयक जल्द ही लाया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए इस विधेयक की जरूरत है। स्थायी समिति से अपनी सिफारिशों को बजट सत्र से पहले देने को कहें, जिससे कि हम इसे बजट सत्र के दौरान पारित कर सकें।"

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि संसदीय समिति को एक विधेयक को देखने में कम से कम तीन महीने का समय लगता है, लेकिन चूंकि इस विधेयक को दूसरी बार समिति के पास भेजा जा रहा है तो इसकी रिपोर्ट बजट सत्र से पहले आ सकती है।

इससे पहले शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने मामले को उठाया था और अध्यक्ष से विधेयक को स्थायी समिति को भेजने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा कि सदन को विधेयक के खिलाफ चिकित्सकों की हड़ताल का संज्ञान लेना चाहिए।

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के 2.77 लाख सदस्य हैं, जिसमें देश भर के कॉरपोरेट अस्पताल, पॉली क्लिनिक, नर्सिग होम शामिल हैं। संघ ने 'जन विरोधी व मरीज विरोधी' चिकित्सा आयोग विधेयक के खिलाफ मंगलवार को सभी निजी अस्पतालों के 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था।

सरकार द्वारा विधेयक को संसदीय समिति को भेजे जाने की सहमति के बाद हड़ताल को समाप्त कर दिया गया।



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Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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