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जेल से छूटा लालू का करीबी डॉन शहाबुद्दीन, बोला- परिस्थितियों से नीतीश बने CM
भागलपुरः तेजाब हत्याकांड के गवाह की हत्या के केस में जमानत मिलने के बाद आरजेडी का पूर्व सांसद और सीवान का डॉन माना जाने वाला मोहम्मद शहाबुद्दीन शनिवार सुबह भागलपुर जेल से छूट गया। जेल के बाहर उसके समर्थकों की बड़ी भीड़ मौजूद थी। शहाबुद्दीन ने इस मौके पर कहा कि पूरा देश जानता है कि वह हमेशा लालू के साथ रहा है और रहेगा। उसने ये भी कहा कि नीतीश कुमार परिस्थितियों की वजह से बिहार के सीएम बने हैं।
शहाबुद्दीन का हो रहा स्वागत
-जेल के बाहर उसके समर्थक भारी तादाद में मौजूद थे।
-उन्होंने अपने नेता का जोर-शोर से स्वागत किया।
-भागलपुर जेल से ही वाहनों का काफिला पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ चला।
-सीवान से 13 सौ गाड़ियां भागलपुर गई और वहां से जुलूस के शक्ल में वे अपने गांव के लिए निकले।
-जिले में आगमन पर सर्वप्रथम मलमलिया में स्वागत किया गया।
-विभिन्न स्थानों में उनके आगमन को लेकर तोरणद्वार बनाए गए थे।
-पूर्व सांसद का काफिला सीवान होकर सीधे हुसैनगंज प्रखंड के प्रतापपुर स्थित पैतृक गांव पहुंचा।
-शहाबुद्दीन के 13 साल के बाद अपने पैतृक गांव आने को लेकर प्रतापपुर के लोग भी खुश हैं।
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और क्या बोला शहाबुद्दीन?
शहाबुद्दीन ने कहा कि तेजाब हत्याकांड के गवाह राजेश रोशन की हत्या में उसे फंसाया गया है।
उसने जेल में रहते हुए आतंक का माहौल बनाए रखने के बारे में कहा कि मैं 10 साल से जेल में था।
किसी से मिला नहीं, तो भला कैसे आतंक का राज कायम रखा।
ये भी कहा कि आने वाले समय में वह एक बड़ी रैली करने वाला है।
शहाबुद्दीन की पत्नी हिना ने क्या कहा
-हिना ने कहा कि 2003 से हम सभी शहाबुद्दीन की रिहाई का इंतजार कर रहे थे।
-ऊपर वाले पर हमने भरोसा किया उसके घर में देर है, अंधेर नहीं।
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कौन है मोहम्मद शहाबुद्दीन
-शहाबुद्दीन बिहार में दहशत के दूसरे नाम से जाने जाते हैं।
-शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान जिले के प्रतापपुर में हुआ था।
-उन्होंने बिहार से अपनी एजूकेशन पूरी की। वह राजनीति से एमए और पीएचडी हैं।
-उन्होंने हिना शहाब से शादी की थी। उनका एक बेटा और दो बेटी हैं।
कॉलेज से शुरू किया अपराध
-शहाबुद्दीन ने कॉलेज टाइम से ही अपराध और राजनीति में कदम बढ़ा दिया था।
-थोड़े समय में ही शहाबुद्दीन ने अपराध और राजनीति में काफी नाम कमा लिया।
-शहाबुद्दीन सिवान से चार बार MP और दो बार MLA रह चुका है।
-राजनीति के गलियारों में शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में जनता दल की युवा इकाई में कदम रखा।
-1990 में विधानसभा का टिकट दिया, शहाबुद्दीन ने जीत हासिल की।
-यही नहीं पहली बार जनता दल के टिकट पर उस समय के सबसे कम उम्र के जनप्रतिनिधि के रूप में विधानसभा पहुंचा।
-दोबारा उसी सीट से1995 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की।
-इसके बाद शहाबुद्दीन ने की ताकत और बढ़ती गई।
शहाबुद्दीन पर आपराधिक मामले
-शहाबुद्दीन पर अलग अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह सीवान जेल में 2003 से बंद थे। उन्हें 1996 में तत्कालीन एसपी एसके -सिंघल की हत्या की कोशिश के मामले में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी।
-वहीं 1999 में सीपीआई (एमएल) के नेता छोटे लाल गुप्ता के अपहरण मामले में बिहार की अदालत ने शहाबुद्दीन को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।
-पूर्व सांसद पर इतने मामले चल रहे हैं कि इस ज़मानत से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली।
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क्या है तेजाब कांड?
-बिहार के सीवान में साल 2004 में दो भाइयों गिरीश राज और सतीश राज की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी।
-दोनों भाई व्यवसाई चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटे थे
-हत्याकांड का गवाह मृतकों का तीसरा भाई राजेश रोशन था।
-उसकी भी बाद में हत्या कर दी गई। पीड़ित परिवार ने शहाबुद्दीन पर हत्या का आरोप लगाया था।
-इसके बाद उन्हें हत्या के मामले में जेल हुई थी।