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अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका, पहली तिमाही में 5.7% तक गिरी GDP ग्रोथ
नई दिल्ली: देश की सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी ग्रोथ इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिरकर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। बता दें, कि यह इसका तीन साल का निचला स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती के बीच लगातार तीसरी तिमाही में नोटबंदी का असर दिखाई दिया।
गौरतलब है कि इससे पिछली तिमाही यानि जनवरी-मार्च में जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। 2016-17 की पहली तिमाही की संशोधित वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत थी। ये आंकड़े सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिसर द्वारा गुरुवार (31 अगस्त) को जारी किए गए। एक दिन पहले ही नोटबंदी को लेकर आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों पर घिरी सरकार के लिए अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर बचाव करना अब मुश्किल होगा।
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नोटबंदी का झटका अब भी भारी
उल्लेखनीय है, कि पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में नोटबंदी के प्रभाव की वजह से जीडीपी 6.1 प्रतिशत पर थी। उम्मीद की जा रही थी कि इस गिरावट की भरपाई अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कर ली जाएगी। लेकिन सीएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों को देखकर लगता है कि अर्थव्यवस्था न सिर्फ नोटबंदी की मार से उबर पाई है, बल्कि इसका असर नए टैक्स सिस्टम पर भी पड़ा है।
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अन्य स्थितियां भी जिम्मेदार
अर्थवयवस्था में इस गिरावट पर जानकारों की मानें, तो 1 जुलाई को लॉन्च हुए नए टैक्स सिस्टम जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स) से पहले चल रही कन्फ्यूजन की स्थिति के कारण जीडीपी डेटा में गिरावट देखी गई है।
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सबसे तेजी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था अभी दूर की कौड़ी
ऐसे में भारत का सबसे तेजी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बने रहने का सपना अब थोड़ा दूर हो गया है। जनवरी-मार्च की तिमाही में चीन की 6.9 फीसदी जीडीपी ग्रोथ से पिछड़ने के बाद भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं कहा जा सकता है।