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मशहूर कथाकार दूधनाथ सिंह नहीं रहे, रसूलाबाद घाट पर होगा अंतिम संस्कार
लखनऊ/इलाहाबाद: प्रसिद्ध कथाकार दूधनाथ सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वो बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज इलाहाबाद के एक अस्पताल में चल रहा था। दूधनाथ सिंह कैंसर से पीड़ित थे। बुधवार को उन्हें हार्टअटैक आया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांसें ली।
ख़बरों के मुताबिक, दूधनाथ सिंह की इच्छा के मुताबिक उनकी आंखें मेडिकल कॉलेज को दान की जाएंगी। उनके परिवार वालों ने ये फैसला लिया है। इस प्रसिद्ध कथाकार के निधन के बाद गुरुवार रात को ही उनका पार्थिव शरीर प्रतिष्ठानपुरी झूंसी स्थित आवास पर ले जाया गया। आज (12 जनवरी) रसूलाबाद घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
1936 में बलिया में हुआ था जन्म
दूधनाथ सिंह का जन्म 17 अक्टूबर 1936 को यूपी के बलिया में हुआ था। उनकी रचनाओं में कहानी, उपन्यास, नाटक संस्मरण, कविता, आलोचना आदि शामिल है। उनकी प्रमुख कृतियों में 'आखिरी कलाम', 'सपाट चेहरे वाला आदमी' जैसे कहानी संग्रह तथा 'अगली शताब्दी के नाम' जैसे कविता संग्रह शामिल है। उन्होंने अपनी कहानियों के जरिए साठोत्तरी भारत के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक एवं मानसिक सभी क्षेत्रों में उत्पन्न विसंगतियों को चुनौती दी थी।
हिंदी के शीर्ष सम्मानों से हो चुके थे सम्मानित
बता दें, कि दूधनाथ सिंह को भारतेंदु सम्मान, शरद जोशी स्मृति सम्मान, कथाक्रम सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान सहित कई राज्यों का हिंदी के शीर्ष सम्मानों से नवाजा जा चुका था।