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किसानों, उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन मुश्किल : एसोचैम

Rishi
Published on: 12 Feb 2018 12:39 PM GMT
किसानों, उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन मुश्किल : एसोचैम
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नई दिल्ली : किसानों को उनकी लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के साथ ही मुद्रास्फीति की स्थिति में सुधार करना सरकार के लिए एक कठिन काम होगा। एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने यहां सोमवार को यह बात कही। एसोचैम ने उनके हवाले से एक बयान में कहा, ".. सरकार के लिए किसानों और उपभोक्ताओं के परस्पर विरोधी हितों को प्रबंधित करना 'तनी हुई रस्सी पर चलने' जितना कठिन है, क्योंकि पिछले छह महीनों से मुद्रास्फीति में वृद्धि हो रही है और जिसके आगे चलकर छह फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है।"

बयान में कहा गया है, "किसानों को दालों, गेहूं और धान का पर्याप्त लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ ही सब्जियों और फलों की कीमतों पर लगाम भी लगानी होगी, जिसके कारण सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में बढ़ोतरी होती है। आगे चलकर मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित की गई चार फीसदी की सीमा को पार कर सकती है।"

एसोचैम की प्रबंधन समिति की बैठक में जाजोदिया ने कहा कि क्या उपभोक्ता और खासतौर से जो शहरी क्षेत्रों में रहनवाले उपभोक्ता सरकार के साथ आएंगे और इस तर्क को स्वीकार करेंगे कि क्या किसानों को संरक्षित किया जाना चाहिए।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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