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मोदी कैबिनेट : तगड़े कूटनीतिज्ञ हैं मंत्री हरदीप सिंह, लिट्टे से रहा है रिश्ता

Rishi
Published on: 3 Sep 2017 12:29 PM GMT
मोदी कैबिनेट : तगड़े कूटनीतिज्ञ हैं मंत्री हरदीप सिंह, लिट्टे से रहा है रिश्ता
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नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार में रविवार को बतौर राज्यमंत्री शामिल किए गए भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी हरदीप सिह पुरी को बहुपक्षीय कूटनीतिक क्षेत्रों में चार दशकों का लंबा अनुभव रहा है। पुरी (65) वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। वह ब्राजील में भारत के राजदूत रहे और संयुक्त राष्ट्र में जेनेवा (2002-05) एवं न्ययार्क (2009-13)में भारत का स्थायी प्रतिनिधित्व किया।

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वह एक मात्र ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की और इसके आतंकवाद निरोधक इकाई के अध्यक्ष बने।

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वर्ष 1987 में कोलंबो में भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव के तौर पर वह जाफना गए और लिट्टे प्रमुख वी.प्रभाकरण से मुलाकात की। पुरी ने श्रीलंका में जातीय संघर्ष खत्म करने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले शांति समझौते को समझने के लिए प्रभाकरण को नई दिल्ली आने के लिए राजी किया।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने के समय भी वह वहां छात्र नेता थे और जेपी आंदोलन के दौरान भी वह सक्रिय रहे।

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पुरी फरवरी वर्ष 2013 में आईएफएस से सेवानिवृत्त हुए और न्यूयार्क स्थित गैर लाभकारी थिंक टैंक अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान (आईपीआई) में शामिल हुए। बाद में वह इस संस्थान के उपाध्यक्ष भी बने।

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पुरी नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक 'विकासशील देशों के लिए अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस)' के अध्यक्ष एवं चैयरमेन बने। यह थिंक टैंक मुख्यत: अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों एवं विकास सहयोग पर नीतिगत अध्ययन करता है।

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वह 'पेरिलस इंटरवेंशन : द सिक्युरिटी काउंसिल एंड द पॉलटिक्स ऑफ चाओस' नामक किताब के लेखक भी हैं और समकालिक वैश्विक मुद्दे एवं रणनीतिक, शांति, सुरक्षा के मुद्दे पर विकास के जानकार रहे हैं।

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पुरी विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध के सचिव, यूरोप पश्चिम के संयुक्त सचिव और अमेरिका में संयुक्त सचिव के पद पर रहे। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून एवं विवादस्पद प्रस्ताव का लंबा अनुभव रहा है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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