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नोटबंदी को मनमोहन ने बताया मोदी सरकार का 'ब्लंडर', कहा- मानें गलती

aman
By aman
Published on: 6 Nov 2017 10:44 PM GMT
नोटबंदी को मनमोहन ने बताया मोदी सरकार का ब्लंडर, कहा- मानें गलती
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नोटबंदी को मनमोहन ने बताया विनाशकारी आर्थिक नीति, कहा- गलती मानें

नई दिल्ली: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए नोटबंदी को विनाशकारी आर्थिक नीति करार दिया है। पूर्व पीएम ने कहा, कि 'सरकार के इस कदम से असमानता बढ़ सकती है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यह अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति साबित होगी।'

मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी से कहा, कि 'इस भारी गलती को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें और कदम बढ़ाएं।'

जीडीपी का गिरना बस संकेत भर

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, कि 'नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है। इसकी वजह से कई तरह की आर्थिक, सामाजिक, और संस्थागत क्षति हुई है। साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का गिरना आर्थिक नुकसान का महज एक संकेत भर है। इसका हमारे समाज के गरीब तबकों और व्यापार पर जो असर हुआ है, वह किसी आर्थिक सूचक की तुलना में कहीं अधिक हानिकारक है।'

नोटबंदी का असर नौकरियों पर भी पड़ा

पूर्व पीएम ने आगे कहा, 'नोटबंदी का तत्काल असर नौकरियों पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा, हमारे देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही।'

बढ़ती असमानता बड़ा खतरा

मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं नोटबंदी के दीर्घकालिक असर के बारे में ज्यादा चिंतित हूं। हालांकि, हाल की गिरावट के बावजूद जीडीपी में सुधार दिख रही है। लेकिन हमारे आर्थिक विकास की प्रकृति के लिए बढ़ती असमानता बड़ा खतरा है। नोटबंदी इसे बढ़ा सकती है, जिसे भविष्य में सुधारना मुश्किल होगा।'

डिजिटल भुगतान की तरफ ले जाना लक्ष्य

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि इससे काले धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा आदि पर रोक लगेगी। जबकि बाद में उन्होंने यह कहा था कि इसका उद्देश्य नकदी लेन-देन को कम करने और अर्थव्यवस्था को डिजिटल भुगतान की तरफ ले जाना है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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