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गौरी लंकेश मर्डर : पुलिस की शुरुआती जांच के बाद विपक्ष की रणनीति

बंगलुरू की जानी मानी सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की हत्या पर दिल्ली के प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया में भले ही विपक्षी पार्टियों के कई जाने- माने चेहरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की है, लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से विपक्ष को इस प्रकरण को देशव्यापी पॉलिटिकल एक्शन में तब्दील करने में कुछ वक्त लग सकता है।

tiwarishalini
Published on: 7 Sept 2017 1:47 AM IST
गौरी लंकेश मर्डर : पुलिस की शुरुआती जांच के बाद विपक्ष की रणनीति
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नई दिल्ली : बंगलुरू की जानी मानी सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की हत्या पर दिल्ली के प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया में भले ही विपक्षी पार्टियों के कई जाने- माने चेहरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की है, लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से विपक्ष को इस प्रकरण को देशव्यापी पॉलिटिकल एक्शन में तब्दील करने में कुछ वक्त लग सकता है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के सीएम को हत्यारों को जल्द से जल्द धर दबोचने के लिए सख्त कार्रवाई को कह दिया है। कर्नाटक में चूंकि कांग्रेस की सरकार है इसलिए विपक्षी पार्टियां इस हत्याकांड की परतें खुलने के इंतजार में हैं।

अभी जांच राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के स्तर पर हो रही है इसलिए मुमकिन है कि विपक्ष का एक्शन प्लान एक-दो दिन बाद तय होगा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विरोधी पार्टियों को भी आगामी 48 घंटे के भीतर पूरे हत्याकांड पर पुलिस की प्रारंभिक जांच का सच सामने आने की उम्मीद बंधी है।

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विपक्षी दलों के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस और बाकी वामदल नेताओं की अनौपचारिक बातचीत होने की संभावना है। उसके बाद ही आगे की रणनीति पर विचार होगा।

विपक्ष इस इंतजार में है कि जल्द से जल्द इस हत्याकांड के पीछे अगर बीजेपी या संघ परिवार के जुड़े संगठनों का हाथ होता है तो इस पर उसी अनुरूप आगे आंदोलन की रूपरेखा बनेगी।

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जाहिर है कि अभी जांच की प्रक्रिया राज्य पुलिस के हाथ में है। कानून व्यवस्था बुनियादी तौर पर राज्य का विषय है इसलिए हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों व उनके आकाओं तक पहुंचने से संभावित पेंचों का पर्दा उठने के बाद ही विपक्ष इस मामले को सियासी मुद्दा बनाने के बारे में सोचेगा।

बता दें कि कर्नाटक में जून 2018 में चुनाव होने हैं। मारी गईं जर्नलिस्ट का राज्य सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि करने के फैसले पर राज्य के सीएम सिद्दारामैया ने जनमानस के गुस्से और प्रतिकिया को भांप लिया है।

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राज्य कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच इस मामले पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों से भी इस बात की बिसात बिछती दिख रही है कि आने वाले दिनों में यह हत्याकांड कर्नाटक में निश्चित ही बड़ा चुनावी मुद्दा बनने की ओर बढ़ रहा है।

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