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देवरिया में मुजफ्फरपुर जैसा शर्मसार कर देने वाला काण्ड, 24 लड़कियाँ छुड़ाई गईं

Anoop Ojha
Published on: 6 Aug 2018 9:33 AM IST
देवरिया में मुजफ्फरपुर जैसा शर्मसार कर देने वाला काण्ड, 24 लड़कियाँ छुड़ाई गईं
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देवरिया: बिहार में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड की तरह यूपी के देवरिया में भी नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार का मामला सामने आया है। पुलिस ने देर रात मां विन्ध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह पर छापेमारी करके 24 बच्चियों व लड़कियों को छुड़ाया है, जबकि बालिका गृह में रह रही 18 लड़कियों का अब तक पता नहीं चल सका है। संरक्षण गृह से भागकर एक लड़की ने जब स्थानीय थाने में इसकी शिकायत की। तब प्रकरण का खुलासा हुआ। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति और बेटी समेत पांच को हिरासत में ले लिया है।

अफसर हाथ डालने से कतराते थे

यह पूरा मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। माँ विंध्यवसिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह नाम से बालिका गृह कई वर्षो से देवरिया के रेलवे स्टेशन रोड पर चल रहा था, इसकी एक शाखा रजला गाँव में भी चल रही थी। पुलिस के मुताबिक इस संस्था की मान्यता एक साल पहले 2017 में खत्म हो चुकी थी। इसकी सीबीआई जांच चल रही थी। सीबीआई ने भी इसे अनियमितताओं में चिन्हित कर रखा है। इसके बावजूद गिरिजा त्रिपाठी अपनी ऊंची रसूख के चलते कायदे कानून को ताक पर रखकर लड़कियों को बालिका गृह में रख रही थी। शिकायतों के बावजूद कोई अफसर इन पर हाथ डालने से कतराता था।

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बहादुर मासूम लड़की ने जान पर खेल कर की शिकायत

बीते दिन 13 वर्षीय एक मासूम लड़की इस संस्था से भागकर पुलिस के पास पहुंची और अपनी आप बीती सुनाई तो पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए। फिर पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने कार्रवाई के निर्देश दिए। तब पुलिस ने बालिका गृह पर छापा मारकर वहां रह रही बालिकाओं और महिलाओं को छुड़ाया।

रात में गाड़ियों से जाती थी लड़कियां, सुबह रोते—रोते वापस आती

पुलिस के मुताबिक लड़कियां रात में अलग-अलग गाड़ियों से जाती थीं। सुबह रोते हुए वापस लौटती। मासूम बच्ची ने संचालिका गिरिजा त्रिपाठी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया कि 15 से 18 साल तक की लड़कियां रात में अलग-अलग गाड़ियों से जाती है और सुबह रोते हुए वापस लौटती हैं। यही नहीं यहां लड़कियों से झाड़ू—पोछा के अलावा बर्तन भी साफ करवाया जाता था। घर का सारा काम कराया जाता था।

क्या कहते हैं एसपी?

एसपी देवरिया रोहन पी कनय ने बताया कि शासन ने बालिका गृह का लाइसेंस निरस्त किया था। बच्चों और बच्चियों के साथ नौकर जैसा बर्ताव होता था। माँ विन्यवासिनी बालिका गृह नाम की संस्था थी। जिसे अवैध घोषित किया गया था और इसका चाल-चलन भी ठीक नहीं था। पूर्व में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने हमसे पुलिस बल की मांग की थी। फोर्स लेकर वह बच्चियों और महिलाओं को रिहा कराने गए। उसमें कुछ अनियमितता पायी गई है। उस समय उन्हें संस्था की तरफ से सहयोग नहीं दिया गया। तब एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था। एसपी ने बताया की बालिका गृह में कुछ गलत होने की आशंका थी। संयोग से ऐसा हुआ की एक लड़की जो तीन साल से उसमें नौकर की तरह काम कर रही थी। उसके ऊपर जुल्म हो रहा था। वह बालिका गृह से भाग आई और किसी सहयोग से महिला थाना पहुंची।

संस्था की मान्यता को समाप्त कर दिया गया था

संस्था ने कुछ बच्चे गलत तरीके से गोद दिए हैं। इसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी साहब और संबंधित विभागीय अफसर जांच करेंगे। घटना की जानकारी के बाद तीन से चार जगह छापेमारी की गई। 24 लड़कियां व बच्चियों को छुड़ाया गया। अभी जांच चल रही है। 10 से 15 बच्चों और बुजुर्गों का पता नहीं चल रहा है। जो गायब हैं उनके बारे में गिरिजा त्रिपाठी से पूछा जाएगा। इसमें संचालिका गिरजा त्रिपाठी, उनके पति और बेटी को गिरफ्तार किया गया है। एक एफआईआर हफ्ते भर पहले हुई थी। सीबीआई ने जाँच किया था उसमें इनकी संस्था की मान्यता को समाप्त किया गया था। ये जो भी कर रही थी अवैध कर रही थी इसका कारण अंदरूनी धंधेबाजी था।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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