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निर्वाचन आयोग के फरमान को चुनौती, हिटलर से की गयी तुलना

Gagan D Mishra
Published on: 1 Oct 2017 5:34 PM IST
निर्वाचन आयोग के फरमान को चुनौती, हिटलर से की गयी तुलना
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पणजी: गोवा सरकार के कर्मचारी संघ ने रविवार को एक हालिया निर्देश की तुलना हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी में लागू किए जाने वाले फरमानों से की। इस निर्देश के तहत बूथ स्तर के निर्वाचन अधिकारियों को 30 सितंबर को दशहरा के अवकाश के दौरान काम करने के लिए बाध्य किया गया।

संघ के अध्यक्ष जॉन नाजारेथ ने सहायक निर्वाचन अधिकारी (एईआरओ) के निर्देशों की निंदा करते हुए एक बयान में कहा, "काम के अनियोजित घंटों में काम करने के इस प्रकार के निर्देश केवल जर्मनी में एडोल्फ हिटलर द्वारा ही दिए जाते थे। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानवाधिकारों और मूल्यों को काफी महत्व देते हैं।"

बयान के मुताबिक, "चुनाव प्रशासन द्वारा ऐसे निर्देश जारी किया जाना साबित करता है कि उन्हें लगने लगा है कि वे कानून से बढ़कर हैं। यह एक सुनियोजित कानून है कि कर्मचारियों के साप्ताहिक काम के घंटे 40 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकते। कामगार वर्ग के कल्याण के लिए संयुक्त राष्ट्र भी इस पर बल देता है।"

नाजारेथ ने कहा कि शुक्रवार रात को एईआर के अधिकारियों द्वारा अचानक एक फरमान जारी किया गया, जिसके तहत बूथ स्तर के निर्वाचन अधिकारियों को 30 सितंबर को सुबह 9.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक अपने चुनाव बूथों में विशेष शिविर आयोजित करने को कहा गया। ये आदेश एईआरओ द्वारा जारी किए गए, जो राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश के तहत काम करते हैं।

नाजारेथ ने सरकार के आदेश को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा, "उन्हें शाम पांच बजे कॉल करके रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया गया। एईआरओ द्वारा हाल ही में जारी निर्देश बीएलओ (बूथ स्तर के अधिकारियों) को अपने कार्यालय के समय के बाद, शनिवार, रविवार और सार्वजनिक अवकाश पर भी काम करने का जनादेश देता है।"

नाजारेथ ने कहा, "संगठन निर्वाचन अधिकारियों से ऐसे तानाशाही रवैये पर तत्काल लगाम लगाने का आग्रह करता है। अन्यथा जीजीईए सभी उप जिला मुख्यालयों में प्रतीकात्मक मार्च आयोजित करने और इस मुद्दे को उठाने में तनिक भी नहीं हिचकिचाएगा।"

राज्य सरकार के 50,000 नौकरशाहों में से अधिकांश गोवा सरकारी कर्मचारी संगठन के सदस्य हैं।

--आईएएनएस

Gagan D Mishra

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