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25 साल पुराना विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड भंग, आसान होगी 90 फीसद से ऊपर एफडीआई
मंत्रिमंडल ने बुधवार को एफआईपीबी को भंग करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब करीब 91-95 फीसदी एफडीआई स्वचालित रास्ते से आ सकेगी। यह व्यापार में आसानी के लिए किया गया है
नई दिल्ली: देश में व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 25 साल पुराने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को भंग कर दिया। 90 फीसदी से अधिक विदेशी निवेश के मामलों में बोर्ड की मंजूरी की जरूरत होती थी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि अब केवल 11 क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
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बोर्ड भंग
उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल ने बुधवार को एफआईपीबी को भंग करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब करीब 91-95 फीसदी एफडीआई स्वचालित रास्ते से आ सकेगी। यह व्यापार में आसानी के लिए किया गया है।" आम बजट 2017-18 में एफआईपीबी को भंग करने का प्रस्ताव किया गया था।
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जेटली ने कहा कि जिन 11 क्षेत्रों में एफडीआई के पूर्व अनुमोदन की जरूरत है, उसका फैसला संबंधित मंत्रालय करेंगे। अगर सुरक्षा संबंधी कोई चिंता होगी तो उसका फैसला गृह मंत्रालय करेगा।
--आईएएनएस