TRENDING TAGS :
GST बिल राज्यसभा से भी पास, पूर्व PM मनमोहन सिंह ने बताया ऐतिहासिक कदम
नई दिल्ली: लाख अड़चनों के बाद आखिरकार गुरुवार (6 अप्रैल) को राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया। संसद की ऊपरी सदन में बिना कोई संशोधन इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। खास बात यह रही कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने केंद्र के इस कदम को ऐतिहासिक बताया। मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में ये यह बेहतरीन कदम है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा बताया।
ये भी पढ़ें ...GST से जुड़े बिल लोकसभा में पास, PM ने कहा- नया साल, नया कानून, नया भारत
राज्यसभा में जीएसटी की राह आसान करने का श्रेय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी दिया जा रहा है। जीएसटी बिलों पर कांग्रेस की ओर से आ रहे संशोधनों पर मनमोहन ने अपनी पार्टी से बदलाव न करने की सलाह दी। राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की ओर से समर्थन न मिलने के कारण अन्य विपक्षी दलों जैसे टीएमसी और वाम दल के संशोधन पास नहीं हो पाए। यानि जीएसटी बिल बिना संशोधन राज्यसभा से पास हो गया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, 'यह गेम चेंजर साबित हो सकता है, लेकिन रास्ते में मुश्किलें भी आएंगी।'
ये भी पढ़ें ...वित्त मंत्री अरुण जेटली बोले- अब अप्रैल नहीं 1 जुलाई से लागू होगा GST
देशहित में आए सभी दल
संसद के बाहर जीएसटी बिल मुद्दे पर मनमोहन सिंह की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री जेटली ने कहा, 'मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि जब देशहित की बात आई तो सभी दल और नेता एक सुर में बोले। यह ऐतिहासिक दिन है। जीएसटी का सभी दलों की सहमित से पास होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा है।'
ये भी पढ़ें ...मोदी बोले-जल्द सच हाेेगा GST का सपना, देश हित में बड़े फैसले लेेने में नहीं हिचकेंगे
किसी एक को नहीं सभी को क्रेडिट
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस बिल का क्रेडिट किसी व्यक्ति या सरकार को नहीं बल्कि सभी को जाता है।'
ये भी पढ़ें ...GST की चार दरों पर बनी सहमति, लग्जरी कार और तंबाकू उत्पाद होंगे सबसे महंगे
दरअसल, सरकार ने राज्यसभा में जीएसटी बिल को मनी बिल के रूप में पेश किया था। बुधवार को चर्चा में शामिल होने के लिए बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। पार्टी सांसदों को दो दिन तक चर्चा के दौरान मौजूद रहने का फरमान जारी किया गया था। गौरतलब है, कि जीएसटी से जुड़े अहम विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं।