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GST इफेक्ट : रसोई गैस सिलेंडर हुआ महंगा, वाणिज्यिक एलपीजी सस्ता

Rishi
Published on: 3 July 2017 11:05 AM GMT
GST इफेक्ट : रसोई गैस सिलेंडर हुआ महंगा, वाणिज्यिक एलपीजी सस्ता
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नई दिल्ली : हर तरह के एलपीजी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधीन लाने के साथ ही आने वाले माह से आम नागरिकों को घरेलू एलपीजी सिलिंडर के लिए अब अधिक कीमत चुकानी होगी। एक जुलाई से देशभर में लागू हो चुके जीएसटी के तहत चूंकि पेट्रोलियम को नहीं रखा गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने उसी दिन स्पष्ट कर दिया था कि घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी जीएसटी के तहत कर के दायरे में होगा, जो अब जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में प्रभावी हो चुका है।

एलपीजी को सबसे निचले स्लैब पांच फीसदी कर के तहत रखा गया है। जीएसटी लागू होने से पहले अधिकतर राज्य एलपीजी पर कर नहीं लगाते थे, जबकि कुछ राज्य 2-4 फीसदी के बीच वैट लगाते थे। वहीं घरेलू एलपीजी पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क नहीं लगता था।

अब जीएसटी लागू होने के बाद जिन राज्यों में जीएसटी पर कोई कर नहीं था, वहां प्रति सिलिंडर एलपीजी की कीमत 12 से 15 रुपये बढ़ जाएगी।

वहीं जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत घट गई है, क्योंकि इसे जीएसटी के तहत 18 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है।

इससे पहले, वाणिज्यिक एलपीजी पर 22.5 फीसदी कर लगाया जाता था, जिसमें उत्पाद शुल्क के रूप में आठ फीसदी और 14.5 फीसदी का वैट शामिल था।

जीएसटी लागू होने से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां वाणिज्यिक एलपीजी का एक सिलिंडर 1,121 रुपये में मिलता था, वहीं जीएसटी लागू होने के बाद अब यह 1,052 रुपये में मिलेगा।

वाणिज्यिक एलपीजी को जीएसटी के तहत 18 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखने का मतलब है कि ऑटो रिक्शा वालों के लिए भी एलपीजी ईंधन सस्ता हो जाएगा।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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