×

अर्श से फर्श पर: 'बलात्कारी बाबा' राम रहीम अब कैदी नंबर 1997

aman
By aman
Published on: 28 Aug 2017 4:29 PM IST
अर्श से फर्श पर: बलात्कारी बाबा राम रहीम अब कैदी नंबर 1997
X

लखनऊ: अब न होंगी सात सितारा होटल जैसी सुविधाएं और न आंखों पर होगा महंगा चश्मा। अब बलात्कारी बाबा राम रहीम जेल में कैदी नंबर 1997 होंगे।

अब उन्हें जेल के कपड़े पहनने होंगे और जेल मैन्यूल के हिसाब से उन्हें काम करना होगा। जिसके एवज में उन्हें पैसे मिलेंगे। अब न तो आरामदायक बिस्तर होगा और न वातानुकूलित कमरा और न कमरे में अप्सराएं। जेल में जमीन पर सोना होगा और गर्मी में एक पंखा मिलेगा।

ये भी पढ़ें ...गुनाह का हिसाब ! बलात्कारी बाबा को 10 साल की सजा, रो पड़ा राम रहीम

राजा अब रहेगा 'रंक' की तरह

बाबा का साम्राज्य हरियाणा के सिरसा में सैकड़ों एकड़ में फैला है, जिसमें वो अब तक परिवार के साथ राजा की तरह रहते थे। बाबा जिस तरफ भी निकल जाते, लोगों की उनके आदर-सम्मान में नजरें झुक जाती थी। मानो, पास से कोई बाबा नहीं भगवान गुजर रहा हो। लेकिन काूनन का फंदा जब तक गले में नहीं लगता, लोग खुद को सबसे ऊपर मानने लगते हैं। ऐसा ही गुरमीत राम रहीम के साथ भी हो रहा था।

ये भी पढ़ें ...सिरसा: सजा से पहले ही भड़के ‘बलात्कारी बाबा’ के गुंडे, फूंकी 2 गाड़ियां

उल्टा घूमा समय का चक्र

राजनीतिक संपर्क और रसूख के कारण राम रहीम को लग रहा था, कि उनका कोई कुछ बिगाड़ ही नहीं सकता। लेकिन जब समय का चक्र जब उल्टा घूमता है तो अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगती। कल तक जो लोगों से पैर छुआता और खास अंदाज से आशीर्वाद देता था। आज वो नजरें झुकाए अदालत में अपने गुनाह पर सिसक रहा था और जज ने माफ कर देने की गुजारिश कर रहा था। राम रहीम कह रहा था, कि 'गलती हो गई। माफ कर दीजिए, अब ऐसा नहीं होगा।' फैसला सुनने के बाद वो जमीन पर बैठ जाता है और रोता रहता है।

संभवत: उसे अपने गुनाह याद आ रहे होंगे। कहां तो भगवान बनने निकला था लेकिन इंसान भी नहीं बन सका।

ये भी पढ़ें ...क्या आप जानते हैं! कौन हैं राम रहीम को दोषी ठहराने वाले जज जगदीप सिंह

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story