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अर्श से फर्श पर: 'बलात्कारी बाबा' राम रहीम अब कैदी नंबर 1997
लखनऊ: अब न होंगी सात सितारा होटल जैसी सुविधाएं और न आंखों पर होगा महंगा चश्मा। अब बलात्कारी बाबा राम रहीम जेल में कैदी नंबर 1997 होंगे।
अब उन्हें जेल के कपड़े पहनने होंगे और जेल मैन्यूल के हिसाब से उन्हें काम करना होगा। जिसके एवज में उन्हें पैसे मिलेंगे। अब न तो आरामदायक बिस्तर होगा और न वातानुकूलित कमरा और न कमरे में अप्सराएं। जेल में जमीन पर सोना होगा और गर्मी में एक पंखा मिलेगा।
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राजा अब रहेगा 'रंक' की तरह
बाबा का साम्राज्य हरियाणा के सिरसा में सैकड़ों एकड़ में फैला है, जिसमें वो अब तक परिवार के साथ राजा की तरह रहते थे। बाबा जिस तरफ भी निकल जाते, लोगों की उनके आदर-सम्मान में नजरें झुक जाती थी। मानो, पास से कोई बाबा नहीं भगवान गुजर रहा हो। लेकिन काूनन का फंदा जब तक गले में नहीं लगता, लोग खुद को सबसे ऊपर मानने लगते हैं। ऐसा ही गुरमीत राम रहीम के साथ भी हो रहा था।
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उल्टा घूमा समय का चक्र
राजनीतिक संपर्क और रसूख के कारण राम रहीम को लग रहा था, कि उनका कोई कुछ बिगाड़ ही नहीं सकता। लेकिन जब समय का चक्र जब उल्टा घूमता है तो अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगती। कल तक जो लोगों से पैर छुआता और खास अंदाज से आशीर्वाद देता था। आज वो नजरें झुकाए अदालत में अपने गुनाह पर सिसक रहा था और जज ने माफ कर देने की गुजारिश कर रहा था। राम रहीम कह रहा था, कि 'गलती हो गई। माफ कर दीजिए, अब ऐसा नहीं होगा।' फैसला सुनने के बाद वो जमीन पर बैठ जाता है और रोता रहता है।
संभवत: उसे अपने गुनाह याद आ रहे होंगे। कहां तो भगवान बनने निकला था लेकिन इंसान भी नहीं बन सका।
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