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भारत ने कहा- चीन के साथ डोकलम मुद्दा कूटनीतिक स्तर पर किया जाएगा हल

भारत ने कहा है कि डोकलम में सीमा को लेकर चीन के साथ पनपे ताजे विवाद को भी कूटनीतिक स्तर पर हल कर लिया जाएगा।

tiwarishalini
Published on: 13 July 2017 3:50 PM GMT
भारत ने कहा- चीन के साथ डोकलम मुद्दा कूटनीतिक स्तर पर किया जाएगा हल
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भारत ने कहा- चीन के साथ डोकलम मुद्दा कूटनीतिक स्तर पर किया जाएगा हल

नई दिल्ली: चीन द्वारा आपत्ति जताए जाने के बावजूद भारत ने कहा है कि जिस तरह बीजिंग के साथ विवाद के मुद्दों को पहले कूटनीतिक माध्यम से हल किया जाता रहा है, उसी तरह डोकलम में सीमा को लेकर चीन के साथ पनपे ताजे विवाद को भी कूटनीतिक स्तर पर हल कर लिया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने गुरुवार (13 जुलाई) को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क मौजूद हैं, जिनका आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा।

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उन्होंने हाल ही में जर्मनी के हैंबर्ग में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 'बातचीत' का संदर्भ देते हुए कहा कि 'दोनों नेताओं ने पिछले सप्ताह अनेक मुद्दों पर बातचीत की।'

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बागले ने कहा, "जहां तक डोकलम मुद्दे की बात है, आप जानते ही हैं हमारे कूटनीतिक संपर्क हैं। दोनों देशों में दूतावासों में दोनों देशों के प्रतिनिधि हैं और इस संपर्क का आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा।"

डोकलम में पिछले तीन सप्ताह से तनाव जैसी स्थिति

भारत और चीन के बीच भूटान से लगी दोनों देशों की सीमाओं को लेकर डोकलम में पिछले तीन सप्ताह से तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। यह विवाद चीन द्वारा डोकलम में सड़क के निर्माण को लेकर शुरू हुई।

भारत जहां इस इलाके को डोकलम कहता है, वहीं चीन इसे डोंगलोंग कहता रहा है। चीन और चीनी मीडिया में ताजा सीमा विवाद को लेकर इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बागले ने कहा, "सरकार ने अपना पक्ष बेहद स्पष्टता के साथ रखा है और मुद्दे के समाधान के लिए संपर्क साधे हैं।"

और क्या कहा बागले ने ?

बागले ने कहा, "हमने दोनों देशों द्वारा पिछले कई सालों से इस तरह के मुद्दों, सीमा विवाद और तिहरी सीमारेखा को लेकर अपनाए गए उपायों का संदर्भ दिया है। हमने दोनों देशों के बीच आपसी समझदारी का भी जिक्र किया है।"

बागले ने विदेश सचिव एस. जयशंकर द्वारा हाल ही में दिए गए बयान का भी जिक्र किया। जयशंकर ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में कहा था कि भारत और चीन इससे पहले भी आपसी सीमा विवाद सुलझाते रहे हैं और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इस बार भी वे इसका समाधान नहीं निकाल लेंगे।

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हालांकि, एक दिन पहले ही बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने जयशंकर की टिप्पणी को यह कहकर खारिज कर दिया कि 'डोकलम में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई घुसपैठ इससे पहले भारत और चीन के बीच अस्पष्ट सीमा को लेकर उपजे विवाद से अलग है।'

बागले से जब पूछा गया कि क्या मोदी और शी के बीच डोकलम मुद्दे को लेकर खासतौर पर बात हुई है, तो उन्होंने सवाल का सीधा जवाब देने से इनकार करते हुए कहा, "मैं इसे आपकी कल्पना और सहज बुद्धि पर छोड़ता हूं कि दोनों नेताओं के बीच किन-किन मुद्दों पर बात हुई होगी।"

--आईएएनएस

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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