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लालटेन लेकर भी घूमोगे तो भी इन '4 बंदों' की बुराई करने वाला नहीं मिलेगा

Rishi
Published on: 13 July 2018 8:42 PM IST
लालटेन लेकर भी घूमोगे तो भी इन 4 बंदों की बुराई करने वाला नहीं मिलेगा
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लखनऊ : हमारे देश में सेक्स के बाद अगर कुछ 'चरम सुख' देता है तो वो है परनिंदा। दूसरे की बुराई तो अपने यहां ऐसे होती है जैसे ये हमारे लिए दैनिक जरुरत का काम हो। जैसे सोना, खाना, पोटी(कुछ लोग इसे हगना भी कहते हैं) और टूथ ब्रश करना। लेकिन आज हम मम्मी कसम खा कर ऐसे 4 नाम आपको बता रहे हैं, जिनके बारे में कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोई भी बुराई करते नहीं नजर आएगा।

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1. महान क्रांतिकारी भगत सिंह ने जो किया कहा और जिया वैसा कोई नहीं कर सका। आज भी उनके नाम पर नेता वोट मांगते हैं। और उन्हें मिलते भी हैं। अमा अपने वाले तो जाने दीजिए पड़ोसी पाकिस्तान भी उनको अपना बनाने वाला था।

2. जब गूगल नहीं था। विकिपीडिया भी नहीं जन्मा था। तब हमारे पास थे मुंशी प्रेमचंद। उन्होंने जो लिखा वो ऐसा था कि आज भी कोई उसपर उंगली नहीं उठा सकता। उनके लिखे को कट कॉपी पेस्ट कर बहुते लिक्खाड़ बने और मिट गए।

3. हम आज जिस युग में जी रहे हैं। उसमें महापुरुषों की भद्द पीटी जाना आम बात है। किसी चौराहे पर खड़े होकर किसी भी महापुरुष का नाम उछाल दीजिए। घंटों बहस चलती रहेगी। लेकिन जय जवान और जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री के बारे में बुरा बोलने वाला किसी कोने में मिलना नामुमकिन सा है। सबसे बड़ी बात, ऐसा सादगी पसंद नेता भविष्य में भी होना नामुमकिन है।

4. ट्रोलर्स भले ही किसी का भी जीना मुहाल कर दें। लेकिन ये अटल सत्य है कि जब एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सामने आता है तो वो भी इज्ज़त के भाव से भर जाते हैं।

वैसे पूरी उम्मीद ही नहीं हमें विश्वास भी है कि हमारी इस लिस्ट को आप उंगली नहीं दिखा सकते।

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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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