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रेलवे और IRCTC का बड़ा कदम, ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में किया शामिल

aman
By aman
Published on: 27 Nov 2016 2:41 PM IST
रेलवे और IRCTC का बड़ा कदम, ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में किया शामिल
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नई दिल्ली: इंडियन रेलवे और आईआरसीटीसी ने टिकट आरक्षण और रद्द कराने वाले फॉर्म में महिला, पुरुष के अलावा ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के तौर पर शामिल कर लिया है। एक अधिवक्ता के आवेदन पर यह निर्णय किया गया। टिकट आरक्षण और रद्द कराने के अलावा यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध होगी।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी में एक अधिवक्ता से अपनी याचिका पर कार्रवाई के लिए रेलवे मंत्रालय से संपर्क करने को कहा था। मंत्रालय ने शीर्ष न्यायालय के अप्रैल-2014 के निर्देशों का संदर्भ देते हुए बताया कि 'हिजड़ा, किन्नर और बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए अब उन्हें तीसरे लिंग के रूप में माना जाएगा।'

हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में संविधान के तृतीय भाग और संसद के द्वारा बनाए गए कानून के तहत हिजड़ा और किन्नर के साथ-साथ बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने का निर्देश दिया था। परिपत्र में कहा गया, 'निर्देशों के तहत टिकट आरक्षण, रद्द कराने के फार्म में महिला और पुरुष के साथ-साथ ट्रांसजेंडर का विकल्प भी शामिल करने का निर्णय किया गया है। प्रणाली में यह सूचना दर्ज कर ली जाएगी, जबकि उन्हें पूरी कीमत पर टिकट जारी किया जाएगा।'

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बताया था संविधान का उल्लंघन

याची अधिवक्ता जमशेद अंसारी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी जनहित याचिका में इसे आईआरसीटीसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था।

रियायत देने की मांग की थी

याची ने भारतीय रेलवे से शीर्ष न्यायालय के उस निर्णय के अनुपालन की मांग की थी, जिसमें न्यायालय ने केन्द्र एवं राज्य सरकारों से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के हिसाब से रियायत देने की मांग भी की थी।

विशेष बोगियों की भी थी मांग

इसके अलावा याची ने ट्रांसजेंडर समुदाय की 'देखभाल और अधिकारों की रक्षा' के लिए सभी ट्रेनों में विशेष बोगियां एवं आरक्षित सीटें लगाने की भी मांग की थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी की अध्यक्षता वाली पीठ ने रेलवे मंत्रालय से याचिका का संज्ञान लेने को कहा था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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