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ट्रेन-20: राजधानी ट्रेनों में लगेंगे अल्युमिनियम से बने नवीनतम डिब्बे
भारतीय रेल पहली बार 15 अल्युमिनियम से बने ट्रेनसेट (रेल डिब्बों की श्रृंखला) उतार रहा है, जो प्रतिष्ठित राजधानी ट्रेन में जोड़े जाएंगे,
नई दिल्ली: भारतीय रेल पहली बार 15 अल्युमिनियम से बने ट्रेनसेट (रेल डिब्बों की श्रृंखला) उतार रहा है, जो प्रतिष्ठित राजधानी ट्रेन में जोड़े जाएंगे, ताकि ट्रेन की गति बढ़े तथा यात्रियों को भी अधिक आराम मिले। इसे ट्रेन-20 नाम दिया गया है।
अल्युमिनियम के ट्रेनसेट मेट्रो या ईएमयू ट्रेन के डिब्बों की तरह होते हैं, जिन्हें लोकोमोटिव को नहीं खींचना होता है। ये न सिर्फ वजन में हल्के होते हैं, बल्कि ऊर्जा कुशल भी होते हैं। ये डिब्बे 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकते हैं और इनमें ऑटोमेटिक डोर प्रणाली लगी होती है। इनमें बैठने और सोनों के दोनों तरह के बर्थ होते हैं।
इन अल्युमिनियम के ट्रेनसेट की अनुमानित लागत 2,500 करोड़ रुपये है। इनका निर्माण चेन्नई के पास स्थित रेलवे की इंट्रेगेटेड कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में किया जाएगा।
आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "अल्युमिनियम कार बॉडी ट्रेनसेट के डिजाइन, विकास, विनिर्माण, परीक्षण और तैनाती के लिए प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कोच निर्माताओं से वैश्विक निविदा आमंत्रित किए गए हैं। "
निविदा की शर्तो के मुताबिक, 20 कोचों का पहला ट्रेनसेट सफल बोलीदाता अपने खुद के संयंत्र में निर्मित कर आईसीएफ को भेजेगा।
सफल बोलीदाता दूसरे ट्रेनसेट और उसके बाद से सभी ट्रेनसेट के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्निशिंग मटीरीयल आईसीएफ को भेजेगा। ट्रेन की बॉडी, बोगी, पेंटिंग और फर्निशिंग का काम आईसीएफ में किया जाएगा।
निर्माताओं को एक विकल्प और दिया गया है कि सफल बोलीदाता 10 ट्रेनसेट का अपने संयंत्र में निर्माण करें और उसे आईसीएफ को भेज दें। हालांकि आखिरी चार ट्रेन सेट और स्पेयर कोचों का पूरी तरह आईसीएफ में ही असेंबल करना होगा।
ट्रेन सेट में कई कोच होते हैं, जिसके आगे और पीछे के कोच में ड्राइविंग केबिन होता है तथा ट्रैकसन ऊर्जा को पूरी ट्रेन में समान रूप से वितरित किया जाता है। इससे पूरे ट्रेनसेट का त्वरण और अवत्वरण लोकोमोटिव से जुड़े डिब्बों की तुलना में तेजी से किया जा सकता है।
आईसीएफ को उम्मीद है कि दुनिया के प्रमुख कोच निर्माता इस निविदा प्रक्रिया में शामिल होंगे, जिसमें कुल 291 कोचों की बोली लगाई जाएगी। लेकिन इसमें सफल बोलीदाताओं के लिए भारतीय रेल के साथ दीर्घकालिक सक्रिय सहयोगी के रूप में जुड़ने का रास्ता खुल जाएगा, जो तेजी से समूचे आधुनिकीकरण में जुटी है।
रेल के सफर को और सुखमय बनाने के लिए सभी डिब्बों में वाई-फाई, इंफोटेनमेंट और जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली लगी होगी, ताकि यात्रियों को यात्रा के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहे।
इन ट्रेनसेट में भव्य इंटीरियर और एलइडी लाइटिंग का प्रयोग किया जाएगा तथा शौचालयों में जीरो-डिसचार्ज वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट और टच-फ्री फिटिंग लगे होंगे।