×

आदर्श घोटाला: दो पूर्व आर्मी चीफ पर कार्रवाई की सिफारिश, कई दर्जन अफसरों पर उठे सवाल

aman
By aman
Published on: 9 July 2017 1:18 PM IST
आदर्श घोटाला: दो पूर्व आर्मी चीफ पर कार्रवाई की सिफारिश, कई दर्जन अफसरों पर उठे सवाल
X
आदर्श घोटाला: दो पूर्व आर्मी चीफ पर कार्रवाई की सिफारिश, कई दर्जन अफसरों पर उठे सवाल

नई दिल्ली: मुंबई के बहुचर्चित आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में दो पूर्व सेनाध्यक्षों व कई दूसरे बड़े सैन्य अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय जांच में इन अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इन पर कार्रवाई की यह सिफारिश की गई है।

जांच रिपोर्ट में जिन अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं उनमें पूर्व आर्मी चीफ जनरल एनसी विज और जनरल दीपक कपूर के अलावा तीन पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल, चार मेजर जनरल के अलावा कई दर्जन दूसरे सैन्य अफसर भी शामिल हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर उच्चस्तरीय जांच

आदर्श सोसायटी घोटाला 2010 में सामने आया था। इस घोटाले के सामने आने पर काफी हड़कंप मचा था। शहीदों की पत्नियों, बच्चों और पूर्व सैनिकों के नाम पर बनने वाली इस हाउसिंग सोसायटी में शीर्ष सैन्य अफसरों ने नेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलीभगत करके मनमाने तरीके से फ्लैट का आवंटन कराया। कई नेताओं के परिजनों ने भी प्राइम लोकेशन वाली इस जगह पर फ्लैट का आवंटन कराया था। यही कारण है कि जिस समय इस घोटाले का राज खुला था उस समय काफी राजनीतिक हड़कंप मचा था। यह मामला काफी दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बना रहा। सोसायटी में आवंटन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिल्कुल मनमाने तरीके से किए गए। बाद में यह मामला मुंबई हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने इस मामले की नए सिरे से उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी खबर ...

कई और सैन्य अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश

रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय जांच समिति की 199 पेज की जांच रिपोर्ट में जिन अफसरों के नाम शामिल हैं उनमें अधिकांश को आदर्श सोसायटी में फ्लैट का आवंटन हुआ था। जांच रिपोर्ट में जिन तीन पूर्व लेफ्टिनेंट जनरलों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वे हैं- जीएस सिहोटा, तेजिंदर सिंह और शांतनु चौधरी। जिन मेजर जनरलों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है वे हैं एआर कुमार, वीएस यादव, टीके कौल और आरके हूडा। इन सभी सैन्य अफसरों के नामों का जिक्र 2011 में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई आंतरिक

सैन्य जांच में भी था।

सीबीआई ने जुलाई 2012 में छह अफसरों मेजर जनरल ए. आर. कुमार और टी.के. कौल, ब्रिगेडियर टी.के. सिन्हा व एम.एम. वान्चु, कर्नल आर.के. बख्शी व आर. सी. ठाकुर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इन अफसरों के अलावा दूसरे अफसरों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वैसे एक तथ्य यह भी है कि रिटायर हो चुके अधिकारियों के खिलाफ अब आर्मी एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो सकती क्योंकि उन्हें रिटायर हुए तीन साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है।

पूर्व आर्मी चीफ पर तल्ख टिप्पणियां

2002 से 2005 तक आर्मी चीफ रहने वाले जनरल एन.सी.विज पर जांच रिपोर्ट में तल्ख टिप्पणियां की गई हैं। इसमें कहा गया है कि जनरल विज ने न केवल गलत तरीके से जमीन आवंटित करने में मदद की बल्कि गलत काम करने वालों को बचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। रिपोर्ट में ऐसी तल्ख टिप्पणी जनरल कपूर के

खिलाफ नहीं की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल कपूर इस मामले से जुड़े फैसलों के लिए सीधे जिम्मेदार नहीं थे। सोसायटी की सदस्यता को स्वीकार करने के लिए जनरल कपूर को सही सलाह नहीं दी गई थी और ऐसा लगा कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह जानबूझकर किया।

लाभ पाने वालों में नेवी के अफसर भी

रिपोर्ट में शीर्ष सैन्य अफसरों की भूमिका पर भी चर्चा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे अफसरों को दूसरों के लिए मिसाल कायम करनी चाहिए, मगर उनका गलत कामों में खुद शामिल होना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मामले की जांच पूर्व आईएएस अफसर राजन कटोच और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) रवि ठोगड़े ने की।

रिपोर्ट में पूर्व नेवी चीफ एडमिरल माधवेंद्र सिंह (2001-2004) और वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह को भी लाभ पाने वालों में बताया गया है क्योंकि उन्हें भी फ्लैट मिले थे। हालांकि यह भी कहा गया है कि इन दोनों की घोटाले में कोई भूमिका नहीं थी।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story