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INS TARASA की वापसी: मुंबई का नया निगेहबान, ताकि सुरक्षित रहे कल

Rishi
Published on: 26 Sept 2017 6:22 PM IST
INS TARASA की वापसी: मुंबई का नया निगेहबान, ताकि सुरक्षित रहे कल
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मुंबई : तटीय और अपतटीय क्षेत्र की निगरानी व गश्त को ध्यान में रखते हुए युद्धपोत 'आईएनएस तरासा' को मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट के नौसेना में शामिल होने से निगरानी क्षमता मजबूत होगी। पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) प्रमुख वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा ने कहा कि 'उम्मीद है कि वह (आईएनएस तरासा) अपना कर्तव्य ईमानदारी के साथ निभाएगी और डब्ल्यूएनसी की ख्याति फैलाएगी।'

उन्होंने कहा कि आईएनएस तरासा को उसके मुख्य कार्य तटों और अपतटों की निगरानी व गश्त के लिए अच्छी मजबूती, उच्च गति और परिवर्तनशीलता के साथ बनाया गया है।

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लूथरा ने पोत के कर्मियों और वारशिप ओवरसीइंग टीम, कोलकाता की भी जहाज नौसेना को सौंपने से पहले सभी हथियारों और सेंसर का परीक्षण करने के लिए सराहना की।

गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एवं इंजीनियर्स कोलकाता ने यह चौथा और अंतिम वाटर जेट एफएसी बनाया है।

इससे पहले दो आईएनएस तारमुगली और आईएनएस टिहायु को वर्ष 2016 में नौसेना में शामिल किया गया था और यह विशखापत्तनम में तैनात हैं। तीसरे, आईएनएस टिल्लानछांग को इस वर्ष मार्च में नौसेना में शामिल किया गया था और यह कारवर में तैनात है।

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ये जहाज भारतीय नौसेना के कार निकोबार क्लास एफएसी का उन्नत रूप हैं जिसे भारत में जीआरसीई कोलकाता ने ही बनाया है।

आईएनएस तरासा 50 मीटर लंबा है और इसमें तीन वाटरजेट लगे हुए हैं जो इसे 35 नोट यानी 65 किलोमीटर प्रति घंटा की गति प्रदान करते हैं। इस जहाज में 30 एमएम मुख्य बंदूक, कई हल्की, मध्यम और भारी मशीनगन तैनात की गई हैं। लेफ्टिनेंट कमांडर प्रवीण कुमार इस पोत की कमान संभालेंगे।

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तटीय निगरानी के अलावा यह पोत त्वरित अभियान जैसे ईईजेड पेट्रोल, कानून प्रवर्तन, राहत और बचाव जैसे असैन्य अभियान, मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने के लिए भी काम में लाया जा सकता है।

यह आईएनएस तरासा का दूसरा संस्करण है। पहले आईएनएस तरासा ने भारतीय नौसेना में 1999 से 2014 तक अपनी सेवाएं दी थीं। बाद में इसे सेशेल्स को उपहार स्वरूप दे दिया गया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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