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एलओसी पर गोलीबारी में 2 की मौत, सीमा पर तनाव बढ़ा

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Published on: 17 July 2017 4:24 AM GMT
एलओसी पर गोलीबारी में 2 की मौत, सीमा पर तनाव बढ़ा
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जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी में सोमवार को एक जवान और पांच साल की एक बच्ची की मौत के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया है तथा दोनों देशों की सेनाओं ने एकदूसरे को किसी तरह की सैन्य कार्यवाही की दशा में मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी दी है।

जम्मू एवं कश्मीर तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बीच नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों द्वारा पाकिस्तानी सेना के एक वाहन को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में चार पाकिस्तानी जवानों सहित पांच पाकिस्तानियों की मौत के एक दिन बाद भारतीय क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से यह गोलीबारी दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की नियंत्रण रेखा पर दोनों ओर से लगातार हो रही गोलीबारी को लेकर सोमवार को हुई बातचीत के बावजूद हुई है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने पुंछ और राजौरी जिलों के भीम्बर गली, मेंढर और बालाकोट सेक्टरों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की।

पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में जान गंवाने वाली बच्ची की पहचान पुंछ जिले में बालाकोट की सईदा के रूप में हुई है, जबकि जवान राजौरी जिले के तरकुंडी क्षेत्र में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना द्वारा 'मुंहतोड़ और प्रभावी जवाब देने के बाद' सोमवार को अपराह्न में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी थम गई।

अधिकारियों ने राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित सभी विद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के फैसला किया है।

कश्मीर के उड़ी सेक्टर में कम से कम तीन और जगहों पर गोलीबारी हुई, जिसमें एक भारतीय जवान घायल हो गया। उड़ी सेक्टर में गोलीबारी अभी भी जारी है।

सीमा पर बढ़े तनाव के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने सोमवार को हॉटलाइन पर वार्ता की। डीजीएमओ आम तौर पर मंगलवार को बातचीत करते हैं। सोमवार की वार्ता पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी और यह पूर्व निर्धारित नहीं थी।

भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. भट्ट ने कहा कि 'संघर्ष विराम के सभी उल्लंघनों' की शुरुआत पाकिस्तानी सेना की ओर से होती है।

बयान में भारतीय डीजीएमओ के हवाले से यह भी कहा गया है कि यहां के जवान सशस्त्र घुसपैठियों के खिलाफ गोलीबारी करते हैं, जो 'पाकिस्तानी चौकियों के बेहद करीब से' भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 'पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों के सक्रिय समर्थन से एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश होती है'।

बयान में कहा गया है, "भारतीय सेना के पास संघर्ष विराम उल्लंघन की किसी भी घटना का माकूल जवाब देने का अधिकार है। हालांकि यह पारस्परिक आधार पर शांति बनाए रखने के अपने प्रयास को लेकर गंभीर है।"

वहीं, पाकिस्तानी दैनिक 'द न्यूज' के अनुसार, पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया। समाचार-पत्र के मुताबिक, पाकिस्तान के डीजीएमओ ने रविवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अथमुकाम सेक्टर में हुई गोलीबारी में अपने चार जवानों और एक नागरिक की मौत पर 'कड़ा विरोध' जताया।

दैनिक ने सूत्रों के हवाले से कहा है, "पाकिस्तान सेना के पास भारत की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने का अधिकार है।"

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के अनुसार, भारतीय सेना ने एक सैन्य वाहन को निशाना बनाया, जो नीलम नदी में गिर गया और चार जवानों की डूबने से मौत हो गई।

बीते ग्रीष्मकाल के दौरान नियंत्रण रेखा पर दोनों सेनाओं की ओर से लगातार गोलीबारी हुई, जिसमें दोनों ओर के कई जवानों और नागरिकों को जान गंवानी पड़ी।

कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा सेक्टर में 12 जुलाई को दो भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

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