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झारखंड के पूर्व CM कोयला आवंटन में दोषी करार, कल सुनाई जाएगी सजा

दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने कोयला घोटाले में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को बुधवार को दोषी करार दिया जिस पर कल गुरूवार को सजा सुनाई जाएगी।

tiwarishalini
Published on: 13 Dec 2017 6:49 AM GMT
झारखंड के पूर्व CM कोयला आवंटन में दोषी करार, कल सुनाई जाएगी सजा
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नई दिल्ली: दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने कोयला घोटाले में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को बुधवार को दोषी करार दिया जिस पर कल गुरूवार को सजा सुनाई जाएगी। निर्दलीय उम्मीदवार के तोर पर विधानसभा चुनाव जीते मधु कोड़ा झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के सहयोग से सीएम बने थे।

कोड़ा पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप साबित हुआ है।

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दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एसची गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और एक अन्य को आपराधिक साजिश और सेक्शन-120 बी, 420 और धारा 409 के तहत दोषी पाया । इन सभी को कल गुरुवार को सजा सुनाई जाएगी।

मामला झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता से जुड़ा है। इस ब्लॉक का आवंटन कोलकाता स्थित विनी आयरन और स्टील उद्योग लिमिटेड को किया गया था। मामले में कोड़ा को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

कौन हैं एचसी गुप्ता?

- एचसी गुप्ता कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान दो वर्षों के लिए कोयला सचिव थे।

- वे साल 2008 में वे इस पद से रिटायर हुए। गुप्ता ने ही कोयला खनन के अधिकार से जुड़े 40 मामलों को क्लियर करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्षता की थी।

- इस पूर्व नौकरशाह पर आरोप है कि उन्होंने कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जिससे करदाताओं के करोड़ों रुपये डूब गए। गुप्ता पर कम से कम आठ मामले दर्ज हैं।

सीबीआई ने कहा है कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी नौकरशाह ने कोल ब्लॉक आवंटन में विनी आयरन को फायदा पहुंचाया ।

सभी आरोपी रहे मौजूद- कोर्ट

कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसला सुनाए जाने की तारीख यानि 13 दिसम्बर को मौजूद रहने का आदेश दिया है। मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता और कंपनी के अलावा, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान मुख्य आरोपियों मे शामिल हैं।

बहस के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था। कोर्ट मे लंबे अरसे तक चली सुनवाई मे सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की रजामंदी नहीं दी थी बल्कि स्क्रींनिग कमेटी ने आरोपित कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश की थी।

सीबीआई ने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी।

सीबीआई कोर्ट ने धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) 409 (सरकारी कर्मचारियों का किया गया आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था और इसके बाद उन्हें आरोपी के तौर समन किया गया था।

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