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नई अर्थव्यवस्था में पैदा हो रही ढेर सारी नौकरियां : जयंत सिन्हा

Rishi
Published on: 9 March 2018 5:02 PM IST
नई अर्थव्यवस्था में पैदा हो रही ढेर सारी नौकरियां : जयंत सिन्हा
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मुंबई : भारत में पारंपरिक अर्थव्यवस्था में नहीं, बल्कि नई अर्थव्यवस्था में ढेर सारी नौकरियां पैदा हो रही हैं। एक केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए कैब एग्रीगेटर ओला और उबेर में पिछले साल पैदा हुई लाखों नौकरियों का उदाहरण दिया।

नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने यहां इंडिया टुडे कॉनक्लेव में 'डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिमांड : द मिस्ट्री ऑफ मिसिंग जॉब्स' सत्र में यह बातें कही।

सिन्हा ने कहा, "नौकरी सृजन में जबरदस्त उछाल है, पारंपरिक अर्थव्यवस्था में नहीं, बल्कि नई अर्थव्यवस्था में, उद्यमिता में।"

मंत्री ने कहा, "उदाहरण के लिए, ओला और उबेर ने 10 लाख लोगों को ड्राइवरी की नौकरी दी। तो मैं कहता हूं कि रोजगार की कमी नहीं है. बल्कि आंकड़े नहीं हैं।"

अपने दावे के पक्ष में मंत्री ने विभिन्न अनुमानों का हवाला दिया, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (ईपीएफओ) को आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "नौकरी की स्थिति उतनी भी बुरी नहीं है, जितना दिख रहा है।"

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ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में 1 करोड़ नए खाते खोले गए और इस संस्था के कुल 4.5 करोड़ सदस्य हैं।

पूर्व कॉरपोरेट मामलों के मंत्री कांग्रेस के सचिन पायलट ने बहस में भाग लेते हुए देश में निराशाजनक रोजगार की स्थिति पर प्रकाश डाला।

पायलट ने कहा, "हमारे देश के युवा बेरोजगार और अर्धबेरोजगार हैं। हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां नौकरियों की तलाश में निकले 40 फीसदी लोग कौशलहीन हैं।"

पांचवे सालाना रोजगार-बेरोजगार सर्वेक्षण 2015-16 से यह पता चलता है कि शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी के बावजूद 18-29 उम्र समूह में बेरोजगारी दर बढ़ी है।

सर्वेक्षण रिपोर्ट युवा रोजगार-बेरोजगार परिदृश्य, वोल्यूम 2 में कहा गया, "अखिल भारतीय स्तर पर 18-19 साल के केवल 18.4 फीसदी युवाओं के पास ग्रेजुएशन या उससे अधिक की डिग्री है।"

इसी उम्र समूह में अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी की दर 13.2 फीसदी है।

इस सर्वेक्षण के वोल्यूम 1 में अनुमान लगाया गया है कि अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी की दर 5 फीसदी होने का अनुमान है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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