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22 अमेरिकी महिलाओं को 4.69 अरब डॉलर मुआवजा देगी जॉनसन, क्यों! जानें यहां
लखनऊ: बच्चों के लिए उत्पाद बनाने वाली मशहूर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर अमेरिका की एक अदालत ने 470 करोड़ डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। अदालत ने ये फैसला 22 अमेरिकी महिलाओं द्वारा जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी के खिलाफ कोर्ट में दायर एक मुकदमें की सुनवाई के दौरान सुनाया है। जिसमें इन महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर के इस्तेमाल के बाद ओवेरियन (गर्भाशय) कैंसर होने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने भी इन आरोपों को सही माना है।
newstrack.com आपको इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताने जा रहा है।
ये है पूरा मामला
जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी का विवादों से पुराना नाता रहा है। 1982 में अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन के टायलीनॉल दवा से 7 लोगों की मौत हो गई थी और कंपनी ने 3.1 करोड़ बोतलों को तुरंत वापस लिया था। वहीं 2008 में कई लोगों ने कंपनी के उत्पादों पर बदबू और मिलावट का आरोप लगाया था। 2 साल बाद कंपनी ने करीब तीन करोड़ यूनिट प्रोडक्स वापस लिए।
2010 में कंपनी के वाशिंगटन प्लांट को बंद करना पड़ा। 2011 में मिर्गी की दवा टोपामैक्स की 57000 बोतलें वापस ली क्योंकि दवा में बदबू थी। 2011 में ही 5 लॉट इंसुलिन पंप के कार्टिजेज मिलावट की आशंका के कारण वापस हुए। 2012 में बेबी लोशन की 2000 ट्यूब ज्यादा बैक्टरिया के कारण वापस हुए। 2013 सायकोटिक दवा की गलत प्रचार में 220 करोड़ डॉलर का जुमार्ना लगा और इसके लिए डॉक्टरों ने रिश्वत भी ली थी।
जॉनसन एंड जॉनसन के नो मोर टीयर वाले बच्चों के शैम्पू पर भी सवाल उठे। इस शैम्पू पर कई स्वास्थ्य संगठनों ने सवाल उठाए।
वहीं अमेरिका की 22 महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन के टैलकम पाउडर में एसबेस्टस होने और इसके इस्तेमाल से गर्भाशय का कैंसर होने का आरोप लगाया था। इसी मामले में फैसला सुनाते हुए मिसौरी की अदालत ने महिलाओं को हर्जाना देने को कहा है।
जॉनसन का है इतने करोड़ रूपये का कारोबार
जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी का केवल भारत में बेबी केयर का कारोबार 92500 करोड़ रुपये का है। अगले 4 साल में कारोबार बढ़कर 1.98 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान है। भारत में बेबी केयर कारोबार में जॉनसन एंड जॉनसन का मार्केट शेयर 70 फीसदी से ज्यादा है। जॉनसन एंड जॉनसन, भारत में फिलहाल सिर्फ बेबी केयर कारोबार में है।
कम्पनी पर पहले से 9,000 मुकदमें
जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने के मामले में कई बार कंपनी पर जुर्माना लगाया जा चुका है। लेकिन, यह इसके लिए अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक दंड है। इस समय कंपनी पर लगभग 9,000 मुकदमे चल रहे हैं। जिसमें से कुछ केस इंडिया में भी चल रहे है, इनमें पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने और इसमें एसबेस्टस होने के आरोप लगाए गए हैं।
कंपनी के शेयरों में गिरावट
लगभग पांच सप्ताह तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी ओर से विशेषज्ञ पेश किए। हालांकि अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कंपनी ने कहा कि मामले की सुनवाई सही तरीके से नहीं हुई है और वह फैसले को चुनौती देगी। अदालत का फैसला आने के बाद शेयर बाजार में जॉनसन एंड जॉनसन के शेयर का मूल्य गिर गया।