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...जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने गुस्से में कहा- मैं राष्ट्रवादी जज हूं, 'आधार' जज नहीं

aman
By aman
Published on: 2 Feb 2018 12:42 PM IST
...जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने गुस्से में कहा- मैं राष्ट्रवादी जज हूं, आधार जज नहीं
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...जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- मैं राष्ट्रवादी जज हूं, 'आधार' जज नहीं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में 'आधार' मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक सवाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कि 'हम ना तो सरकार का बचाव कर रहे हैं और न एनजीओ की लाइन का अनुकरण कर रहे हैं।'

जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान आगे कहा, 'हम मामले की सुनवाई में शुरुआत से ही ऐसा सुन रहे हैं कि अगर हम आपके साथ नहीं हैं तो फिर 'आधार जज' हैं, लेकिन मैं इसकी परवाह नहीं करता। मैं किसी और के प्रति जवाबदेह नहीं हूं। मैं सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह हूं। मैं चाहता हूं कि मैं राष्ट्रवादी जज कहलाऊं।'

दलील का यह तरीका सही नहीं

जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, कि 'जिस तरह से आप दलील पेश कर रहे हैं, वह तरीका सही नहीं हो सकता। संवैधानिक मामलों में अतिशयोक्ति वाली जिरह नहीं हो सकती।'बता दें कि चीफ जस्टिस की अगुआई वाली संवैधानिक पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान की दलील पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताई और यह टिप्पणी की।

जवाब से संतुष्ट नहीं हुए जस्टिस चंद्रचूड़

बता दें, कि 'आधार' के लिए एकत्र किए जाने वाले डाटा को निजता के अधिकार में दखल बताते हुए इसकी संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।दरअसल, याचिकाकर्ता के वकील 'आधार' के खिलाफ दलील पेश कर रहे थे। जस्टिस चंद्रचूड़ उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा, कि वह न तो सरकार का बचाव कर रहे हैं और न ही एनजीओ की लाइन ले रहे हैं।

याचिकाकर्ता के वकील की दलील

मामले की सुनवाई के दौरान श्याम दीवान ने केंद्र सरकार के हलफनामे का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट है कि भारत ने आधार के इस्तेमाल से सालाना 11 अरब डॉलर बचाए हैं। याचिकाकर्ता के वकील दलील दी, कि विश्व बैंक के डेटा का केंद्र सरकार इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, कि विश्व बैंक का डेटा प्रामाणिक नहीं है, क्योंकि हाल में इस बैंक के चीफ पॉल रोमर ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि डेटा में समग्रता और शुद्धता नहीं है। तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने श्याम दीवान से कहा कि इसमें कितना विस्तार है?

मेरे सवाल करते ही हम पर हमला होने लगता है

याचिकाकर्ता की ओर से बहस किए जाने पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, कि 'यहां आवाज ऊंची करने का कोई मतलब नहीं है।' जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कि 'हम देख रहे हैं कि जैसे ही हम सवाल करते हैं हम पर सीधे हमला होने लगता है।' जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर सीनियर वकील ने खेद जताया और कोर्ट से माफी मांगी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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