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कलाम की मूर्ति के पास गीता रखने पर जब हुआ विवाद, परिजनों ने रख दी कुरान-बाइबिल

Rishi
Published on: 30 July 2017 2:09 PM GMT
कलाम की मूर्ति के पास गीता रखने पर जब हुआ विवाद, परिजनों ने रख दी कुरान-बाइबिल
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रामेश्वरम: वो जबतक जीवित रहे, किसी विवाद में उनका नाम नहीं आया। देश में रहने वाला कोई भी व्यक्ति वो चाहे किसी भी धर्मं या जाति का हो, उन्हें आदर और सम्मान देता रहा। न कभी किसी ने उनके लिए बुरा कहा और न ही सुना। अब उन्हीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कुछ राजनैतिक दल विवाद खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उनके परिजनों ने ऐसे नेताओं की मंशा पर पानी फेर दिया है।

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हम बात कर रहे हैं, कलाम मेमोरियल की जहाँ पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति के पास भगवत गीता रखी हुई थी। जिसके नाम पर नेताओं ने विवाद खड़ा कर दिया। एमडीएमके और पीएमके दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास किया, लेकिन कलाम के परिजनों ने उसपर पानी फेर दिया, और वहां कुरान और बाइबिल भी रख दी।

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परिजन चाहते हैं, कि विवाद यहीं खत्म हो जाए। परिजनों शेख दाऊद और सलीम ने कहा कलाम पूरे देश की जनता के नेता थे। कोई भी ये नहीं चाहता, कि इस पर राजनीति हो। हमने इसके पास कुरान और बाइबिल भी रख दी है। हम जल्द ही इस मूर्ति के पास तमिल ग्रंथ थिरुक्कुरल भी रखने वाले।

पूर्व राष्ट्रपति कलाम की दूसरी पुण्यतिथि 27 जुलाई 2017 को पीएम नरेंद्र मोदी ने कलाम मेमोरियल का उद्घाटन किया था। यहां कलाम की एक लकड़ी की मूर्ति है, जिसमें उन्होंने वीणा ले रखी है, और पास में भगवत गीता रखी है। 15 करोड़ की लागत से बना ये मेमोरियल उनके पैतृक गांव पैकराम्बु में बनाया गया है। इसका निर्माण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने किया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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