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लश्कर कमांडर मट्टू के अंतिम संस्कार में आतंकियों ने बंदूक की सलामी दी
श्रीनगर : लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर जुनैद मट्टू के अंतिम संस्कार के दौरान शनिवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में कई सशस्त्र आतंकवादियों ने बंदूक की सलामी दी। अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मट्ट अपने दो सहयोगियों के साथ जिले के अरवनी गांव में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
उसे खुदवानी गांव में दफनाया गया, जहां सैकड़ों शोक संतप्त लोगों ने मारे गए लश्कर कमांडर के अंतिम संस्कार के लिए नमाज पढ़ी।
रपटों में कहा गया है कि कमांडर को दफनाए जाने से पहले लोगों ने अंतिम संस्कार की रस्म के तौर पर चार बार नमाज पढ़ी, जो आसपास के इलाकों और यहां तक कि दक्षिण कश्मीर के अन्य इलाकों से भी आए थे।
सुरक्षा बलों ने किसी प्रकार की हिंसा से बचने के लिए लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दे दी।
पुलिस ने बताया कि कुख्यात आतंकवादी जुनैद लश्कर का जिला कमांडर था और वह कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त था। वह गुरुवार को कुलगाम के बोगंद क्षेत्र में एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या में भी शामिल था। पिछले साल अनंतनाग में एक बसअड्डे के पास एक सहायक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल की हत्या में भी वह शामिल था। नासिर और आदिल पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए थे।
मुठभेड़ स्थल से हथियार, गोला बारूद और ग्रेनेड बरामद हुए हैं। जब सुरक्षा बल एक घर का घेराव कर रहे थे, जहां आंतकवादी छिपे हुए थे, तभी स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान गोलीबारी में दो लोग मारे गए।
प्रवक्ता ने कहा, "कुछ आतंकवादियों ने भीड़ के बीच से सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी भी की।"
लश्कर आंतकवादियों ने बदला लेते हुए शुक्रवार शाम को एक पुलिस जीप पर हमला कर दिया और थाना प्रभारी सहित छह पुलसिकर्मियों की हत्या कर दी और उनके शवों को साथ बर्बरता की।
प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर और घाटी में अन्य संवेदनशील जगहों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि अलगाववादियों ने लश्कर आतंवादियों के मारे जाने के विरोध में बंद का आह्वान किया है।