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बड़ा झटका: आठवें नैविगेशन सैटलाइट IRNSS-1H की लॉन्चिंग विफल

भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा गुरुवार (31 अगस्त) को भारत के आठवें नौवहन उपग्रह 'आईआरएनएसएस-1एच' का प्रक्षेपण असफल रहा।

tiwarishalini
Published on: 31 Aug 2017 2:51 PM GMT
बड़ा झटका: आठवें नैविगेशन सैटलाइट IRNSS-1H की लॉन्चिंग विफल
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बड़ा झटका: आठवें नैविगेशन सैटलाइट IRNSS-1H की लॉन्चिंग विफल

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा गुरुवार (31 अगस्त) को भारत के आठवें नौवहन उपग्रह 'आईआरएनएसएस-1एच' का प्रक्षेपण असफल रहा। इसरो के चेयरमैन ए. एस. किरन कुमार ने बताया, "अभियान असफल रहा है।"

इसरो ने गुरुवार को शाम 7 बजे भारतीय नौवहन उपग्रह प्रणाली 'एनएवीआईसी' के तहत 1,425 किलोग्राम भार वाले इस उपग्रह को पीएसएलवी श्रेणी के एक्सएल संस्करण वाले रॉकेट से लांच किया था।

आईआरएनएसएस-1एच भारतीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के एक उपग्रह के स्थानापन्न के तौर पर लांच किया गया था। भारतीय उपग्रह प्रणाली एनएवीआईसी को साधारण शब्दों में भारत की जीपीएस प्रणाली कह सकते हैं।

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गुरुवार को 44.4 मीटर लंबे और 321 किलोग्राम का चार चरणों वाले पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट ने श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरी। प्रक्षेपण असफल रहने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।

इसरो चीफ किरण कुमार ने कहा कि नेविगेशन सैटेलाइट को लॉन्च किए जाने वाला स्पेस मिशन फेल रहा। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कुछ परेशानी हुई है। हम इसका विस्तृत रूप से एनालिसिस करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण के चौथे चरण में हीट शील्ड अलग नहीं हुआ।

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प्राइवेट कंपनियों का सहयोग

इसरो के मुताबिक, यह पहला मौका है जब किसी सैटेलाइट को बनाने में प्राइवेट कंपनियां सीधे तौर पर शामिल हुई हैं। आईआरएनएसएस-1 एच को बनाने में प्राइवेट कंपनियों का 25% योगदान रहा है। इससे पहले सैटेलाइट बनाने में प्राइवेट कंपनियां सिर्फ हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, पार्ट और जरूरी सामान ही मुहैया कराती थीं, लेकिन आईआरएनएसएस-1 एच में प्राइवेट कंपनियों के इंजीनियर और टेक्निकल्स एसेंबलिंग, इलेक्ट्रिकल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग आदि काम में शामिल रहे हैं। इसके लिए 6 प्राइवेट कंपनियों का एक ग्रुप बनाया गया था। इन कंपनियों के 70 लोगों को अलग से ट्रेनिंग भी दी गई।

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इसरो ने बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड

इसरो एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुका है। इसरो ने 15 फ़रवरी को 104 सैटेलाइट्स को एक साथ पीएसएलवी-सी 37 से लॉन्च किया था। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक साथ कई सारे सैटेलाइट लॉन्च किए गए। इससे पहले सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड रूस ने बनाया था। जिसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट लॉन्च किए थे।

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tiwarishalini

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