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मितरों! बीजेपी की लोकसभा में संख्या 282 से घटकर 273 हो गई है

Rishi
Published on: 31 May 2018 10:15 PM IST
मितरों! बीजेपी की लोकसभा में संख्या 282 से घटकर 273 हो गई है
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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों के साथ 2014 के आम चुनावों में अपने बूते पूर्ण बहुमत जीता था, लेकिन पिछले चार सालों में अब तक हुए उपचुनावों में पार्टी 9 सीट हार चुकी है। गुरुवार को पार्टी दो लोकसभा सीटें हारी जबकि एक पर जीत हासिल की। इस तरह अब कुल मिलाकर पार्टी के पास लोकसभा में 273 की संख्या है।

भाजपा ने लोकसभा सीटों के उप चुनाव में गुरुवार को उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण कैराना सीट और महाराष्ट्र में भंडारा-गोंडिया सीट को खो दिया। पार्टी ने पालघर संसदीय सीट को बरकरार रखा, जबकि इसकी सहयोगी नागालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) नागालैंड सीट जीतने में सफल रही।

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भाजपा ने इससे पहले इस साल उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों और राजस्थान में अजमेर और अलवर संसदीय सीटों को खो दिया।

नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से उपचुनाव में भाजपा चार सीटों पर हारी जो कांग्रेस की झोली में गईं। भाजपा की दो सीटें समाजवादी पार्टी के पास गईं और एक-एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के खाते में गईं।

आरएलडी ने लोकसभा में अपना खाता विपक्षी पार्टियों द्वारा समर्थित अपनी उम्मीदवार तबस्सुम हसन की जीत से खोला जिन्होंने कैराना में भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराया। भाजपा के सांसद हुकम सिंह (मृगांका सिंह के पिता) की मौत के कारण यहां उपचुनाव कराना पड़ा।

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भाजपा ने पालघर लोकसभा सीट को बरकरार रखा जहां इसके उम्मीदवार राजेंद्र गावित ने शिवसेना के श्रीनिवास वंगा को हराया। वंगा दिवंगत सांसद चिंतमान वंगा के बेटे हैं। उनकी मौत जनवरी में हुई थी, इसके कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया।

नागालैंड की एकमात्र संसदीय सीट पर उपचुनाव सांसद नेफ्यू रियो के राज्य के मुख्यमंत्री बनने के कारण कराया गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद सीट से इस्तीफा दे दिया था।

भंडारा-गोंडिया सीट जीतने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ताकत अब लोकसभा में सात हो गई है। भंडारा-गोंडिया सीट पर उपचुनाव भाजपा के सांसद नाना पटोले के इस्तीफे के बाद कराया गया, जो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

अब ऐसे में यदि लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें, तो देखिए क्या थी उस समय स्थति

1. भारतीय जनता पार्टी : 282

2. कांग्रेस : 44

3. शिवसेना : 18

4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) : 1

5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) : 9

6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) : 6

7. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) : 4

8. अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) : 37

9. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) : 34

10. जनता दल (सेक्युलर) : 2

11. जनता दल (यूनाईटेड) : 2

12. आम आदमी पार्टी (आप) : 4

13. इंडियन नेशनल लोक दल : 2

14. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग : 2

15. रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी : 1

16. तेलंगाना राष्ट्र समिति : 11

17. लोक जनशक्ति पार्टी : 6

18. राष्ट्रीय जनता दल : 4

19. पीडीपी : 3

20. केरल कांग्रेस :एम: : 1

21. समाजवादी पार्टी : 5

22. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी : 3

23. स्वाभिमानी पक्ष : 1

24. निर्दलीय : 3

25. ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट : 3

26. तेलुगुदेशम : 16

27. अपना दल : 2

28. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) : 9

29. बीजू जनता दल (बीजद) : 20

30. झारखंड मुक्ति मोर्चा : 2

31. नेशनल पीपुल्स पार्टी : 1

32. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमिन : 1

33. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट : 1

34. नगा पीपुल्स फ्रंट : 1

35. पट्टाली मक्कल काची : 1

36. ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस : 1

क्या बहुमत का जादुई आकड़ा

अब बहुमत से सिर्फ 1 सीट आगे है बीजेपी, यानी की लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सीटों की दरकार होती है। वहीं पिछले लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए के पास 336 सीटें थीं। जो अब 313 पर आकर ठहर गईं हैं।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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