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योगेश मिश्र
लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का आगाज मध्य प्रदेश से हो गया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा दोनों को सीटें दे दी हैं। अगला विधानसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ मध्य प्रदेश में सपा और बसपा दोनों एकजुट होकर लड़ेंगे। गठबंधन की कोशिश यहीं से भाजपा के पराजय की पटकथा लिखने की है। बीते दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मध्य प्रदेश की यात्रा ने उन्हें गठबंधन में सहयोगी बनने का अवसर दिला दिया। अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने अपने भोपाल पहुचने से पहले बुंदेलखंड इलाके के अपने सभी नेताओं को भोपाल पहुंचने के निर्देश दे दिए थे।
सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव की वहां हुई बातचीत के बाद उन्हें 230 सीटों वाली विधानसभा में 10 सीटें मिलनी तय हो गई हैं। जबकि मायावती को कांग्रेस 23 सीटें देने के लिए हाल फिलहाल तैयार हो गई है।
गौरतलब है कि एक मनोनीत सदस्य भी यहां होता है। इस तरह कुल सदस्यों की संख्या 231 हो जाती है।
ये थी 2013 की स्थिति
अभी 231 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 165 सदस्य हैं। उसे एक निर्दलीय सदस्य का अलग से समर्थन हासिल है। जबकि बसपा के चार, कांग्रेस के 57 और दो निर्दलीय सदस्य भी इनके साथ हैं। भाजपा को 44.67 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को 36.38 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि बसपा को 6.29 फीसदी वोट मिले थे। सपा ने 1.19 फीसदी वोट हासिल किया पर अपनी एक मात्र सीट भी गंवा दी थी।
ये थी 2003 की स्थिति
भाजपा को वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में 37.64 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा ने 230 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 173 सीटों पर विजय हासिल की थी। वहीं कांग्रेस को 32.39 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस ने 229 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसमें से 38 सीटों पर विजय हासिल की थी। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को 8.23 प्रतिशत वोट मिले थे। वह 157 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से उसे 2 सीटों पर विजय हासिल हुई। वहीं समाजवादी पार्टी 8.97 फीसदी वोट हासिल हुए थे। वह 228 सीटों पर लड़ी थी और 7 सीटें जीती थी।
ये थी 2008 की स्थिति
वहीं, 2008 में भाजपा 228 सीटों पर लड़कर 143 सीटें जीती थी। उसे 37.64 फीसदी वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस 228 सीटों पर लड़कर 71 सीटें जीती थी। उसे 32.39 फीसदी वोट हासिल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी 228 सीटों पर लड़कर 7 सीटें जीती थी। उसे 8.97 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। समाजवादी पार्टी 187 सीटों पर लड़कर मात्र एक सीट ही जीत सकी थी। उसे 1.90 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।