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इस राज्य में धमकी के बाद कैथलिक स्कूल दूसरे दिन भी बंद
इंफाल : मणिपुर के इंफाल में और इसके आस-पास के सभी ईसाई मिशनरी संचालित स्कूलों को उग्रवादियों की धमकी के बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी बंद रखा गया। मणिपुर के शिक्षा मंत्री टी. राधेश्याम ने उग्रवादी समूह, कंगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (मिलिट्री कौंसिल) से कैथलिक स्कूलों के शैक्षणिक माहौल को नहीं बिगाड़ने की अपील की है।
राधेश्याम ने कहा, "ये शैक्षणिक संस्थान राज्य में एक लाख से ज्यादा बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन संस्थानों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।"
मंत्री ने हालांकि 'पर्याप्त सुरक्षा' मुहैया कराने को लेकर आश्वस्त किया और अभिभावकों व स्कूल बस चालकों से इन संस्थानों में छात्रों को भेजने का अनुरोध किया, लेकिन अभिभावकों का कहना है कि उन्हें इस पर यकीन नहीं है।
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कुछ स्कूलों के प्राधानाध्यापकों ने उग्रवादियों की मांग को बताने से इंकार करते हुए कहा है कि धमकी वापस लेने तक स्कूल और कॉलेजों को बंद रखा जाएगा।
इस बीच, कई छात्र संगठनों ने केसीपी (एमसी) से मणिपुर में स्थित स्कूल रूडा एकेडमी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। इन लोगों यह भी कहा कि आल मणिपुर स्टूडेंट यूनियन पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
राज्य में सोमवार से ही बिना किसी पूर्व नोटिस के 72 कैथलिक स्कूल और 17 उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल और तीन कॉलेज बंद हैं। सोमवार सुबह, अभिभावक और स्कूल बस के वाहन चालकों ने कहा कि हमेशा की तरह जब वह छात्रों को लेकर स्कूल गए तो उन्होंने स्कूलों के गेट को बंद पाया।
इंफाल में स्थित एक स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा, "हमें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा स्कूलों को बंद करने की धमकी मिली है। हमारे पास और कोई चारा नहीं है। स्कूल को तब तक नहीं खोला जाएगा जबतक धमकी वापस नहीं ले ली जाती।"
इन धमकियों को हलके में नहीं लिया जा सकता क्योंकि इससे पहले हाल ही में यहां कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ दिन पहले इंफाल और सुंगनु में दो प्रधानाध्यापकों समेत आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी। सरकार ने अभी तक इन मिशनरी स्कूलों की सुरक्षा कड़ी नहीं की है।