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मोदी के मन की बात- सिफारिश के बिना पद्म पुरस्कार मिलने लगे हैं

Rishi
Published on: 28 Jan 2018 9:34 AM GMT
मोदी के मन की बात- सिफारिश के बिना पद्म पुरस्कार मिलने लगे हैं
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हाल ही में पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों की प्रशंसा की और इस तथ्य को भी सराहा कि अब ये पुरस्कार बिना किसी सिफारिश के मिलने लगे हैं।

मोदी ने अपने मासिक और इस साल के पहले रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "अगर आप करीब से ध्यान दें, तो आप देखेंगे कि हमारे बीच में बहुत से महान लोग मौजूद हैं और यह गर्व की बात है कि उनमें से कितने लोग बिना किसी सिफारिश के इतनी ऊंचाई तक पहुंच रहे हैं।"

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उन्होंने यह भी बताया कि पद्म पुरस्कारों की प्रक्रिया को कैसे उनकी सरकार ने पिछले तीन साल में बदल कर पारदर्शी बना दिया है, जिसके चलते अब कोई भी इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए नामांकन दे सकता है।

उन्होंने कहा, "चयन प्रक्रिया में अब पारदर्शिता आ गई है। पूरी प्रक्रिया बदल गई है .. आपने यह देखा होगा कि अधिक से अधिक सामान्य लोगों को ये पुरस्कार मिल रहे हैं। ऐसे लोग जो आमतौर पर महानगरों, समाचार पत्रों, टीवी पर नहीं दिखाई देते।"

उन्होंने कहा, "पुरस्कार प्राप्त करने के लिए उनकी पहचान को नहीं, बल्कि उनके काम को महत्व मिलने लगा है।"

प्रधानमंत्री ने अपनी बात को साबित करने के लिए सुभाषिनी मिस्त्री, लक्ष्मी कुट्टी, भज्जु श्याम समेत पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए गए कई लोगों के नाम भी लिए। मोदी ने कहा कि ये सभी लोग सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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