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नोटबंदी के बाद कई कंपनियों ने किया काला धन सफेद, खेल का हुआ भंडाफोड़

aman
By aman
Published on: 7 Oct 2017 6:55 AM IST
नोटबंदी के बाद कई कंपनियों ने किया काला धन सफेद, खेल का हुआ भंडाफोड़
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नोटबंदी के बाद कई कंपनियों ने किया काला धन सफेद, खेल का हुआ भंडाफोड़

नई दिल्ली: बीते साल 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने के खेल को इस चालाकी से खेला जा रहा था कि सरकार को भी वहां तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन अब सरकार को 13 बैंकों ने 5,800 मुखौटा कंपनियों के बारे में अहम जानकारी दी है जिससे पता चला है कि काले धन के सौदागरों ने नोटबंदी के दौरान सरकार को हर मुमकिन तरीके से छकाने की कोशिश की।

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ऐसे हुआ खेल

इन 13 बैंकों ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को 2,09,032 संदिग्ध कंपनियों में से कुछ के बैंक खातों के ऑपरेशन तथा नोटबंदी के बाद के जमा-निकासी को लेकर बेहद अहम जानकारी दी है। इसी साल रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने इन संभी कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया था। बता दें, कि पांबदी लगने के बाद इन संदिग्ध कंपनियों के बैंक अकाउंट के ऑपरेशन पर रोक लग जाती है। इसमें केवल देनदारी के भुगतान की छूट रहती है।

बैंकों द्वारा सरकार को दी गई सबसे अहम जानकारी नोटबंदी के दौरान इन खातों में की गई जमा-निकासी से जुड़ी है। कंपनियों के लोन खातों को अलग कर दिए जाने के बाद इन 5,800 कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को उनके पास कुल 22.05 करोड़ रुपए की रकम बची थी। लेकिन 9 नवंबर 2016 (नोटबंदी लागू होने के बाद) से रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने तक की अवधि में इन कंपनियों ने 4573.87 करोड़ रुपए की रकमें जमा करवाईं और 4,552 करोड़ रुपए की निकासी भी की।

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इसे ऐसे समझें

इस पूरे मामले को इस उदाहरण से समझा जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) की खबर की मानें, तो झारखंड की मां तारा इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास 45 खाते थे। इनमें 8 नवंबर को नोटबंदी के दिन इस खाते में मात्र 6,781 रुपए थे लेकिन नोटबंदी के बाद अगले दो महीने में इस खाते से 6 करोड़ का लेन-देन हुआ। अंत में फिर इस खाते में मात्र 1,452 रुपए रह गया।

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इन्होंने भी किए ये खेल

टीओआई के अनुसार, इसी तरह कई खाते 8 नवंबर के बाद भी खोले गए। इसी तरह का खेल महावीर मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, गोल्ड सुखट्रेड इंडिया लिमिटेड, अश्विन वनस्पति इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, अनुजय एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, राधा कृष्णा पायल भंडार प्राइवेट लिमिटेड, शांति इंफ्रास्ट्रकचर लिमिटेड, एपटिप आईटी सलूशन जैसी कंपनियों में हुआ। इस कंपनियों ने 8 नवंबर के बाद 31 दिसंबर तक बंद पड़े और निष्क्रिय खाते में करोड़ों के लेनदेन किए।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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