TRENDING TAGS :
सपा के साथ पर बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं- यह डील सिर्फ उपचुनाव तक
लखनऊ: यूपी में लोकसभा के दो सीट गोरखपुर और फूलपुर सीट पर उपचुनाव होने हैं। इस उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया है। इसे मायावती की हरी झंडी भी मिल गई है।
गोरखपुर में बसपा की जोनल स्तर की बैठक के बाद जोनल प्रभारी घनश्याम चंद्र खरवार ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की। गौरतलब है कि इस चुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं, इलाहाबाद के बसपा कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार गौतम ने भी रविवार (04 मार्च) को बैठक के बाद सपा प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल को समर्थन देने की घोषणा की।
ये भी पढ़ें ...योगी का कटाक्ष- आज गेस्ट हाउस कांड और मूर्ति ध्वस्त करने वाले एक हो रहे
बीजेपी को हराने के लिए सपा को समर्थन
इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। माया बोलीं, 'हमने सिर्फ उप चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सपा को समर्थन। उन्होंने कहा, बसपा सिर्फ इस चुनाव में सपा के साथ गई है। यह डील सिर्फ उपचुनाव तक है।'
'ये सिर्फ वोट ट्रांसफर है, गठबंधन की बातें बेबुनियाद'
मायावती ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगी कि एसपी और बीएसपी का कोई गठबंधन होगा तो गुपचुप तरीके से नहीं होगा, बल्कि खुलकर होगा। किसी पार्टी से भी गठबंधन होगा तो मीडिया को सबसे पहले बताया जाएगा। फूलपुर और गोरखपुर में जो चुनाव हैं, उनमें बीएसपी ने अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि हम वोट डालने नहीं जाएंगे और हम वोट डालने जरूर जाएंगे। ऐसा मैंने पार्टी के लोगों को दिशानिर्देश दिए हैं।'
ये भी पढ़ें ...BJP ने सपा-बसपा गठबंधन को बताया ‘बेमेल’, कहा- कोई फर्क नहीं पड़ता
..तो ये गणित है
उन्होंने कहा, 'यूपी में होने वाले राज्यसभा चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवारों को हराने के लिए अगर वोट ट्रांसफर कर दिया जाता है, तो ये गठबंधन नहीं होता है। हमारी पार्टी में अभी इतने विधायक नहीं हैं कि हम खुद से चुनकर अपना मेंबर राज्यसभा भेज दें और ना ही समाजवादी पार्टी के पास इतने मेंबर हैं कि वो अपने दो लोगों को राज्यसभा भेज सके। इसलिए हमने तय किया है कि हम उनका एमएलसी बना देंगे और वो अपने वोट हमें ट्रांसफर कर देंगे, ताकि हम राज्यसभा में अपना सदस्य भेज सकें।'
ये भी पढ़ें ...राजनीतिक प्रयोगशाला: महागठबंधन की शुरुआत के कयास पर राह में हैं कांटे
बता दें कि उप चुनाव में साथ आने की रणनीति करीब 10 दिन पहले बनी थी। इसकी शुरुआत सपा के रामगोविंद चौधरी और बीएसपी के लालजी वर्मा ने की थी। बीते गुरुवार को गोरखपुर और इलाहाबाद में बैठक हुई थी। इसके बाद मायावती ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर सपा कैंडिडेट्स को समर्थन देने का फैसला किया।