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मेधा को जेल भेजने पर BJP नेताओं का इस्तीफा, उठ गया सरकार से भरोसा

Rishi
Published on: 18 Aug 2017 4:55 PM GMT
मेधा को जेल भेजने पर BJP नेताओं का इस्तीफा, उठ गया सरकार से भरोसा
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धार : सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने के कारण मध्यप्रदेश के डूब प्रभावितों की लड़ाई लड़ रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजने और पुनर्वास की बजाय प्रशासन की डराने-धमकाने की कार्रवाई से नाराज होकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कड़माल मंडल के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले आंदोलन, प्रदर्शन का दौर जारी है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि नर्मदा घाटी में प्रशासनिक दमन और पुलिस बर्बरता का दौर जारी है। आंदोलन के कार्यकर्ताओं तथा घाटी के विस्थापितों के द्वारा शुक्रवार को कुक्षी, मनावर तहसील, आदिवासी क्षेत्र सोंदुल पट्टी, तथा बड़वानी जिले के कई गांव में बैठकें हुईं।

इन बैठकों में बताया गया कि प्रशासन द्वारा दवाब डालकर उन्हें गांव खाली करने को कहा जा रहा है, ऐसा न करने पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल देने की धमकी दी जा रही है।

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नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुताबिक, मेधा पाटकर पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वह नौ दिन से धार की जेल में हैं। इसके अलावा भी कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। हजारों लोगों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं। बिना किसी अपराध के लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, अहिंसक लोगों पर हिंसा बरपाई जा रही है। हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि आंदोलन को कुचल दिया जाए।

आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आमजन की आवाजों को दबाया जा रहा है, ताकि हर उस संघर्ष को खत्म किया जा सके जो सरकार के भ्रष्टाचार, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण नीतियों को उजागर करने के लिए चल रहे हैं।

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मध्यप्रदेश सरकार के रवैए से नाराज भारतीय जनता पार्टी के मंडल कड़माल जिला धार के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष सहित 30 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। त्यागपत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि 'इस सरकार से हमारा भरोसा उठ गया है। जो सरकार अपने पुनर्वास के लिए लडाई लड़ रही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करे, कार्यकर्ताओं तथा आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल में रखे और 32 साल के संघर्ष के बाद भी पुनर्वास करने की बजाय हिंसक प्रवृत्ति अपनाए, हम ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं रहना चाहते।'

गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों प्रदेश में ही हैं।

आंदोलन के क्रम में शनिवार को रतलाम, मंदसौर, नीमच द्वाबरा तथा भोपाल में भी सरकार के हिंसक और दमनकारी रवैए के खिलाफ और लोकहितों की रक्षा में प्रदर्शन होंगे।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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