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पूर्वोत्तर के 3 राज्यों का आज आएगा परिणाम, सुरक्षा के कड़े इंतेजाम
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में शनिवार (3 जनवरी 2018) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना होगी। तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए हाल ही में मतदान हुआ था। एक्जिट पोल की मानें तो इन तीनों राज्यों में इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेगी। दो एक्जिट पोल में यह कहा गया है कि त्रिपुरा में बीजेपी सत्तासीन होगी जहां पिछले 25 साल से वाम मोर्चे की सरकार है।
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में शनिवार (3 जनवरी 2018) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना होगी। तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए हाल ही में मतदान हुआ था।
एक्जिट पोल की मानें तो इन तीनों राज्यों में इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेगी। दो एक्जिट पोल में यह कहा गया है कि त्रिपुरा में बीजेपी सत्तासीन होगी जहां पिछले 25 साल से वाम मोर्चे की सरकार है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तीनों राज्यों में मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी। त्रिपुरा में 18 फरवरी को मतदान हुआ था, जबकि नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को वोट डाले गए थे। इन तीन राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं, लेकिन किसी ने किसी कारण से तीनों में 59-59 सीटों पर मतदान हुआ।
त्रिपुरा के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी तपस राय ने कहा कि सभी 59 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना एक साथ करने के लिए त्रिपुरा में 20 स्थानों पर 59 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना की पूरी प्रक्रिया की विडियोग्राफी कराई जाएगी।
वहीं मेघालय के मुख्य चुनाव आयुक्त एफ आर खारकोन्गोर ने बताया, 'वोटिंग के दौरान स्ट्रॉग रूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स की 11 कंपनियां लगाई गई हैं। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश में पर्य़ाप्त सुरक्षा बल मौजूद है।'
सबसे ज्यादा त्रिपुरा पर नजरें टिकीं रहेंगी, जहां पिछले ढाई दशकों से लेफ्ट की सरकार है। केरल के अलावा लेफ्ट की सरकार बस इसी राज्य में है। इस बार बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तमाम एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान जताया गया है। अगर बीजेपी जीतती है तो यह न सिर्फ राज्य की राजनीति, बल्कि देश की राजनीति में एक अहम पड़ाव होगा। 18 फरवरी को हुए मतदान में 92 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डालकर देश के चुनावी इतिहास में एक रिकॉर्ड बनाया।
नगालैंड में इस बार चुनाव बेहद अस्थिर माहौल में हुआ है। कई संगठनों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। इन सबके बीच किसी तरह 60 सीटों पर नामांकन हुआ। कांग्रेस तो सभी सीटों पर उम्मीदवार तक खड़ा नहीं कर पाई। बीजेपी की सहयोगी पार्टी एनपीपी में टूट हुई और बीजेपी ने बागी गुट से अपना गठबंधन बना लिया। इस बार इन्हीं दो गुट के बीच सीधा मुकाबला है। इस राज्य का परिणाम सियासत से ज्यादा राज्य की शांति-व्यवस्था को भी प्रभावित करेगी। यहां विधानसभा चुनाव में नगा समझौता बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया था। चुनाव के बाद समझौते से जुड़े मुद्दे और सामने आएंगे। एग्जिट पोल में बीजेपी गठबंधन को आगे बताया गया है।
मेघालय में कांग्रेस के सामने किला बचाने की चुनौती है। अगर मेघालय में कांग्रेस हार गई तो पूरे देश में संदेश जाएगा कि एक और राज्य से पार्टी समाप्त हो गई और बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत के अपने नारे को और मजबूती से पेश करेगी। ऐसे में 2019 से पहले अपनी संभावनाओं को खुला रखने के लिए कांग्रेस पर इस राज्य में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव है। कांग्रेस को यहां बागी गुट के अलावा तमाम छोटे-छोटे दलों से चुनौती मिल रही है, जिनके साथ बीजेपी चुनाव बाद सरकार बनाने की जुगत में है। एग्जिट पोल के मुताबिक यहां भी बीजेपी की सरकार बन सकती है। एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में कहा गया कि बीजेपी को 60 सदस्यीय विधानसभा में तकरीबन आधी सीटें (30 तक) जीत सकती है।
मतगणना से पहले भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। मतगणना केंद्रों पर पैरामिलिटरी फोर्सेज की तैनाती की गई है। त्रिपुरा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत से ही बीएसएफ को अलर्ट कर दिया गया था और भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता जारी रहेगी।